प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार पांच वामपंथी विचारकों से पहले भी पुणे पुलिस ने जून में अन्य पांच लोगों को निरुद्ध किया था। इन लोगों में शामिल रोना विल्सन के लैपटॉप से पुलिस को एक चिट्ठी मिली थी, जिसमें पीएम की हत्या करने के लिए राजीव गांधी हत्याकांड जैसी साजिश रचने की जानकारी दी गई थी।
भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश
किन्हीं कॉमरेड प्रकाश को संबोधित इस पत्र में लिखा गया है कि हिंदू फासीवाद को परास्त करना हमारी पार्टी का सबसे प्रमुख एजेंडा और सबसे बड़ी चिंता है। भूमिगत संगठनों और खुले तौर पर सक्रिय संगठनों के कई नेताओं ने इस मसले को काफी मजबूती से उठाया है। हम देश भर के समान विचारधारा वाले संगठनों, राजनीतिक दलों और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों के साथ अपने संबंधों को मजबूती देने के लिए काम कर रहे हैं।
मोदी की कामयाबी से परेशान
इसमें आगे लिखा गया है कि मोदी के नेतृत्व में हिंदू फासीवादी सत्ता आदिवासियों की जिंदगी तबाह करने पर आमादा है। बिहार और बंगाल में हारने के बावजूद मोदी ने देश के 15 से ज्यादा राज्यों में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। अगर भाजपा के जीतने की यही रफ्तार कायम रही तो हमारी पार्टी के लिए सभी मोर्चों पर मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
मोदी पर राजीव स्टाइल में हमला
इस पत्र में कॉमरेड किशन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर मोदी राज को खत्म करने के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार किया है। हमलोग मोदी को खत्म करने के लिए राजीव गांधी स्टाइल के हमले के बारे में सोच रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मई, 1991 में तमिलनाडु में आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी।
साजिश नाकाम होने का भी डर
इस पत्र में यह स्वीकार किया गया है कि मोदी को खत्म करने की यह साजिश नाकाम भी हो सकती है और यह हमारे लिए आत्मघाती साबित हो सकती है लेकिन इसके बावजूद पार्टी पोलित ब्यूरो को इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। मोदी के रोड शो को निशाना बनाना एक कारगर रणनीति हो सकती है। हम यकीन करते हैं कि पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
पार्टी विरोधी कॉमरेड का भी जिक्र
इस साजिश का जिक्र करने से पहले पत्र में तमाम और बातें भी लिखी गई हैं। मसलन, इसमें एम4 पिस्टल और उसकी चार लाख गोलियां खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये का फंड जुटाए जाने का भी उल्लेख है। पत्र में प्रशांत नामक एक कॉमरेड के पार्टी के खिलाफ जाने का भी जिक्र करते हुए लिखा गया है कि इस अहंकारी कॉमरेड के स्वार्थी एजेंडे के कारण पार्टी को और राजनीति कैदियों को बहुत नुकसान हुआ है।
साईंबाबा को छुड़ाने की कोशिश
पत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में गिरफ्तार जी साईंबाबा एवं अन्य राजनीतिक कैदियों को जेल से छुड़ाने की कोशिशों का भी उल्लेख किया गया है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि कैसे जनता के बीच इस मामले को लेकर जाना है और जनमत को अपने पक्ष में खड़ा करना है।