मुल्लापेरियार बांध से छोड़े जाने वाले पानी को लेकर केरल और तमिलनाडु के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनिसामी का कहना है कि केरल सरकार के सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। केरल में बाढ़ आने के काफी बाद बांध का पानी छोड़ा गया। इससे पहले केरल में आई बाढ़ की वजहों में केरल सरकार ने तमिलनाडु सरकार की तरफ से मुल्लापेरियार बांध में जल का स्तर कम करने से इन्कार करने और बाद अचानक पानी छोड़ना एक प्रमुख कारण बताया था।
सीएम पलनिसामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘देखिए, तमिलनाडु पर केरल के सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। केरल सरकार द्वारा अगर यह कहा जा रहा है कि मुल्लापेरियार बांध से ज्यादा पानी छोड़ा गया, तब वहां बाढ़ आई, तो पानी केरल के सभी हिस्सों तक कैसे पहुंच गया? दरअसल, 80 बांधों से पानी के ज्यादा निकासी की वजह से केरल में बाढ़ आई है।’
तमिलनाडु ने केरल के उस आरोप को भी निराधार बताया, जिसमें कहा जा रहा है कि बांध के पानी से केरल में बाढ़ आई। सीएम पलनिसामी ने बताया, ‘केरल में बाढ़ के एक सप्ताह बाद मुल्लापेरियार बांध से पानी जारी किया गया था, बाढ़ के तुरंत बाद यह नहीं किया गया था। इसके अलावा पानी छोड़ने से पहले तीन बार चेतावनियां जारी की गईं थी। पहले 139 फीट पर, दूसरा 141 फीट और 142 फीट पर तीसरी चेतावनी जारी की गई, इसके बाद पानी छोड़ा गया। पानी भी चरणबद्ध तरीके से छोड़ा गया था।’
गौरतलब है कि केरल में बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक मुल्लापेरियार बांध में पानी के स्तर को 139.99 तक बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मुल्लापेरियार बांध केरल में है और उसका प्रबंधन तमिलनाडु के जिम्मे है। इससे जलस्तर को लेकर हमेशा दोनों राज्यों में विवाद बना रहता है