दिल्‍ली में कोरोना की तीसरी नहीं दूसरी लहर ही हुई है तेज, एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने दिए बचाव के अहम सुझाव

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 5000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria, Director of All India Institute of Medical Sciences) ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर नहीं है। बल्कि दूसरी लहर ही तेज हो गई है।

वहीं, एक अहम बयान में डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि पिछले सप्ताह दशहरा और नवरात्र आदि त्योहार भी थे। इस दौरान विभिन्न आयोजनों के चलते भीड़ जुटी, जिससे शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हुआ। इसके साथ ही मास्क लगाने में भी ढिलाई बरती गई। इतना ही नहीं, वायु प्रदूषण ने भी संक्रमण को पनपने का मौका दे दिया। प्रदूषण के बीच इसका वायरस ज्यादा देर तक हवा में रहता है। प्रदूषण और वायरस दोनों ही फेफड़े पर चोट करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ,इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।

मास्क लगाने की सलाह दी

लोग मास्क जरूर लगाएं। जरूरी काम हो तो ही घर से बाहर निकलें। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी भी दी कि यदि हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो मामले इसी तरह से बढ़ते जाएंगे। एक सवाल के जवाब में एम्स के निदेशक ने कहा कि संक्रमण को परास्त करने वालों को भी संक्रमण का खतरा रहता है। कोरोना को मारने वाली एंटीबॉडी भी शरीर में तीन से चार माह तक ही रहती है, इसलिए सावधानी की जरूरत सभी को है।

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन आने की उम्मीद जताई है। इसके साथ उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने से पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण के मामले काफी कम जाएंगी। वहीं, फ्लू शॉट को लेकर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू की वैक्सीन लगवाने से कोरोना से बचाव हो सकेगा, यह गलत धारणा है। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए ये वैक्सीन कारगर है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क जरूरी है।

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