भारत-चीन सीमा (India-China Faceoff) पर तनाव के बीच चीन के रक्षा मंत्री वेई फ़ेंघे (Wei Fenghe) ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) से बातचीत का समय मांगा है. बता दें कि दोनों नेता इस समय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए मॉस्को में हैं. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक चीनी रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को बैठक करने की पेशकश की है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गुरुवार रात को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस बैठक को मंज़ूरी दे दी है क्योंकि भारत को उम्मीद है कि बातचीत के ज़रिये ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बनी तनावपूर्ण स्थिति को सामान्य किया जा सकता है. मॉस्को में मौजूद भारतीय और चीनी दूतावास ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दोनों देश शुक्रवार को अपने रक्षा मंत्रियों की एक औपचारिक बैठक के लिए आपसी संपर्क में हैं. चीन की ओर से भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ से बैठक करने का अनुरोध ऐसे समय में आया है, जब भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी-लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध में लगे हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने भी जताया था भरोसा
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीन के जुड़े एक सवाल पर कहा था कि दोनों देशों के बीच तनाव बातचीत से ही हल हो सकता है और उन्हें इस बात पर पूरा विश्वास है. जयशंकर ने गुरुवार को जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था, वे शुक्रवार को ब्रिक्स की एक बैठक में भी शिरकत करने वाले हैं. इसके बाद जयशंकर मॉस्को की यात्रा पर होंगे जहां 9 सितंबर को उन्हें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होना है. बताया गया है कि इन दोनों ही बैठकों में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद होंगे.
दोनों तरफ से सेना की भारी तैनाती
चीन ने पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर के सामने भारी संख्या में फौजें भेज दी हैं. उससे पहले हथियारों और भारी युद्धक उपकरणों से पूरी तरह लैस भारतीय सैनिकों ने ठाकुंग (Thakung) से लेकर रेक इन दर्रा (Req in La) तक की सभी महत्वपूर्ण चोटियों पर अपनी मोर्चेबंदी मजबूत कर ली ताकि भविष्य में चीनी सेना के किसी भी दुस्साहसिक प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. इलाके में दोनों देशों ने एक-दूसरे के आमने-सामने भारी संख्या में फौजियों, टैंकों, हथियारयुक्त वाहनों और हॉवित्जर तोपों में तैनात कर रखा है.
इस बीच भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम. एम. नरावणे ने गुरुवार को चुशूल सेक्टर पहुंचकर वहां की रक्षा तैयारियों का जायजा लिया. वो शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले इलाके में उत्तर दिशा की तरफ अग्रणी चौकियों का मुआयना करेंगे. लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चरम पर पहुंचे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने बुधवार को हशिमारा (Hashimara) समेत पूरे ईस्टर्न सेक्टर में अग्रणी मोर्चों पर बने सैन्य हवाई अड्डों का निरीक्षण किया.