खाड़ी में युद्ध जैसे बनते हालात के बीच इराक में अमेरिकी वायुसेना के अड्डे पर फिर आठ रॉकेट दागे गए हैं। हमले में चार इराकी वायु सेना के दो अधिकारी और दो सैनिक घायल हुए हैं। इराकी सेना ने रविवार को यह जानकारी दी। सेना ने एक बयान में कहा कि बगदाद से लगभग 70 किलोमीटर उत्तर में स्थित अल-बलाड एयरबेस पर कत्यूशा श्रेणी के आठ रॉकेट गिरे।
अल-बलाड अड्डा इराक में अमेरिकी वायु सेना का प्रमुख अड्डा है। इराक अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों को भी यहीं रखता है। इस हमले में अमेरिकी सैनिकों को किसी तरह का नुकसान की खबर नहीं है। वैसे भी पिछले दो हफ्ते के दौरान ईरान के साथ तनाव बढ़ने के बाद यहां से ज्यादातर अमेरिकी सैनिक चले गए हैं। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि रॉकेट कहां से दागे गए थे।
इसी सैन्य अड्डे पर ईरान ने किया था हमला
बता दें कि ईरान ने अपने शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद पिछले हफ्ते इसी सैन्य अड्डे पर मिसाइल से हमला किया था। अमेरिका ने इराक में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रूज मिसाइल से हमला कर सुलेमानी को मार गिराया था। उसके बाद से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। हाल के दिनों में इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले की घटनाएं तेज हुई हैं। हालांकि, ज्यादातर हमले में इराकी सैनिक ही घायल होते हैं। इसी तरह के एक हमले में एक अमेरिकी कांट्रैक्टर की मौत हुई थी।
अमेरिका के चार दूतावासों पर हमले की योजना
ट्रंप के दावे को उनके रक्षा मंत्री ने खारिज किया वहीं, वाशिंगटन में एक टीवी शो में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई ठोस खुफिया जानकारी नहीं देखी है, जिसमें कहा गया हो कि ईरान खाड़ी में अमेरिका के चार दूतावासों पर हमले की योजना बना रहा था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान की इसी योजना का हवाला देते हुए जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के फैसले को जायज ठहराया था।
एक टीवी शो में एस्पर ने कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप से इस बात पर सहमत हैं कि ईरान अमेरिकी दूतावासों पर हमला कर सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के साथ बातचीत में चार दूतावासों पर ईरान द्वारा हमले की योजना बनाने की जो बात कही थी, वह किसी ठोस सुबूत पर आधारित नहीं थी। बता दें कि ट्रंप ने कहा था कि मारे जाने से पहले कासिम सुलेमानी अमेरिका के चार दूतावासों पर हमले की योजना बना रहे थे। सीएनएन के साथ बातचीत में उन्होंने इस बारे में खुफिया जानकारी होने का दावा भी किया था।
ईरान ने 22 मिसाइलों से किया था हमला
इससे पहले अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत से बौखलाए ईरान ने 8 जनवरी की सुबह इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों (बेस) को 22 बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया था। ईरान ने हमले में 80 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बैलिस्टिक मिसाइलों से किए गए हमलों को अमेरिका के गाल पर करारा तमाचा करार दिया था। इसके साथ ही बदला पूरा होने और युद्ध आगे नहीं बढ़ाने की बात कही। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 80 सैनिकों के मारे जाने से इन्कार किया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हमले में कोई सैनिक नहीं मारा गया है, केवल सैन्य बेस को थोड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने ईरान के नरम होते रुख की सराहना भी की।
ईरान ने यूक्रेन के विमान को मार गिराया
8 जनवरी को हुए यूक्रेनी विमान हादसे में 176 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे को ईरान ने अंजाम दिया। उसने अपने मिसाइल से मार गिराया था। पहले ईरान ने इससे इन्कार किया, बाद में इसे स्वीकार कर लिया। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि सशस्त्र बलों की आंतरिक जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि गलती से दागी गई मिसाइल की वजह से विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। राष्ट्रपति रूहानी ने हादसे पर माफी मांगी।