वाशिंगटन : अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर ने स्पष्ट कर दिया है कि इराक़ से अमेरिकी सेना हटाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। दरअसल, सोमवार को पेंटागन में उस समय एकाएक हलचल पैदा हो गई, जब यह ख़बर फैल गई कि पेंटागन की ओर से इराक़ को प्रेषित एक पत्र में अमेरिकी सेनाओं की घर वापसी का कार्यक्रम तय हो गया है। पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी की ओर से प्रेषित पत्र के आधार पर इराक़ के प्रधान मंत्री अदेल अब्दुल महदी ने भी बग़दाद सहित अमेरिकी राजदूत को तलब कर सेनाओं की वापसी के बारे में परामर्श किया था । एस्पर ने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में आईएसआईएस की समस्या को लेकर अपने मित्र देशों से बातचीत करने के प्रति सचेत है। इराक़ में अमेरिका के पांच हज़ार सैनिक हैं।
मार्क एस्पर ने पेंटागन में संवाददाताओं को बताया कि अभी तक इराक़ से अमेरिकी सेनाओं को हटाए जाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पेंटागन की ओर से लिखे गए बहुचर्चित पत्र के संबंध में पूछे जाने पर एस्पर ने कहा कि अमेरिकी सेनाओं को हटाए जाने के बारे में कोई योजना ही नहीं है। बताया जाता है कि यह पत्र यूएस मैरीन कोर ब्रिगेडियर जनरल विल्लियम एच सीली की ओर से गलती से चला गया था। यह अधिकारी इराक़ में अमेरिकी सेनाओं की तैनाती का कार्य की देखभाल करते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि यह एक प्रारूप भर था, जो ग़लती से इराक़ी अधिकारियों के पास मेल हो गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सेनाओं के ज्वाइंट चीफ़ आफ स्टाफ़ जनरल मार्क मिली ने कुछ पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया कि बेशक पत्र के मजमून को लेकर ग़लतफ़हमियाँ हुई हैं लेकिन सेनाओं को हटाए जाने के बारे में कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि रविवार को इराक़ी संसद ने बहुमत से एक प्रस्ताव पारित कर अमेरिकी सेनाओं को इराक़ से हटाए जाने का आग्रह किया गया था। इस निर्णय में इराक़ के कुर्द नेता साथ नहीं थे, जो अमेरिकी सेनाओं को हटाए जाने के पक्ष में नहीं थे।