ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग (दावानल) ने विकराल रूप अख्तियार कर लिया है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने बुधवार को तीन और लोगों के मरने की पुष्टि की। इस आपदा में कई लोग लापता हैं जिनमें से कुछ के मारे जाने की आशंका है। दक्षिणपूर्वी ऑस्ट्रेलिया के मल्लकूटा शहर (Mallacoota) में स्थानीय और नए साल की छुट्टियां मनाने आए पर्यटकों को मिलाकर कुल 4000 लोगों अपनी जान बचाने के लिए समुद्र की ओर भागना पड़ा है।
जंगलों के आस पास के इलाके धुएं के गुबार की चपेट में आ गए हैं। साथ ही आग की वजह से बढे़ तापमान ने मुश्किलें और बढ़ा दी है। अधिकारियों को इससे राहत और बचाव कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आग की लपटों से बचने के लिए कई लोग समुद्र के पानी में खड़े हैं। इस आग से ऑस्ट्रेलिया में अब तक कुल 12 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में तीन स्वयंसेवक दमकलकर्मी भी हैं।
तीन साल के सूखे के बाद इस आग के कारण हालात और विकट हो गए हैं। इस आग ने 40 लाख हेक्टेयर इलाके को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। यदि भूभाग के तौर पर आकलन करें तो आग ने जापान से बड़े इलाके में तबाही मचाई है। गर्म हवाओं के कारण यह आग और तेजी से फैल रही है। करीब 30 हजार पर्यटकों को इलाका खाली करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मल्लकूटा में आपदा राहत के तीन दल समुद्र तट पर चार हजार लोगों की देखरेख में जुटे हुए हैं।
न्यू साउथ वेल्स (New South Wales, NSW) में 100 से ज्यादा जगहों पर आग भड़की हुई है और हजारो दमकलकर्मी इसे बुझाने में लगे हुए हैं। बुधवार की सुबह जल चुकी कार में एक व्यक्ति की लाश बरामद की गई है। हजारों घर राख में तब्दील हो चुके हैं। समुद्र के किनारे पहुंचे लोगों से लाइफ सेविंग जैकेट्स पहनने को कहा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर वे समुद्र में उतर सकें। प्रशासन ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो फंसे लोगों को समुद्र या हवाई मार्ग से बाहर निकाला जाएगा।