अफगानिस्तान में गत 18 वर्षो से जारी खूनी संघर्ष को खत्म करने की दिशा में अमेरिका और तालिबान शांति समझौते के करीब पहुंच रहे हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर की तारीख का जल्द एलान हो सकता है। यह करार होने के बाद अंतर अफगान वार्ता की शुरुआत होगी।
टोलो न्यूज ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि दोनों पक्ष अगले दौर की बातचीत में समझौते पर हस्ताक्षर और अंतर अफगान वार्ता के लिए समय सीमा तय करेंगे। इसके पहले यह खबर आई थी कि तालिबान के ज्यादातर आतंकियों ने अफगानिस्तान में अस्थायी संघर्ष विराम करने के पक्ष में सहमति दी है। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला तालिबान के सरगना मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा को लेना है।
इस बीच तालिबान के पूर्व कमांडर सैयद अकबर आगा ने कहा, ‘संघर्ष विराम का दो हिस्सा होगा। संघर्ष विराम के पहले हिस्से का एलान अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से पहले किया जाएगा। जबकि अफगान और विदेशियों के साथ करार होने के बाद दूसरे भाग की घोषणा की जाएगी। मुङो लगता है कि संघर्ष विराम के पहले भाग को लेकर तालिबान सहमत नहीं है।’ जबकि काबुल में पाकिस्तान के राजदूत जाहिद नसरुल्ला खान ने कहा, ‘मेरे मुल्क को उम्मीद है कि अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता होने से संघर्ष विराम और अंतर अफगान वार्ता की राह प्रशस्त होगी।
हेलमंद प्रांत में सैनिकों की मौत
जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में सेना के एक ठिकाने पर तालिबान आतंकियों के हमले में दस सैनिकों की मौत हो गई। आतंकियों ने सैन्य अड्डे तक सुरंग खोदकर इस हमले को अंजाम दिया गया।
सेना के प्रवक्ता नवाब जादरान ने शनिवार को बताया कि प्रांत के अशांत सांगिन जिले में सेना के बेस तक सुरंग खोदी गई थी, लेकिन सैनिकों की कार्रवाई से पहले ही इसे उड़ा दिया दिया। हमले के समय बेस में 18 सैनिक तैनात थे। दस की मौत हो गई और चार घायल हो गए। बाकी चार सैनिकों ने बहादुरी के साथ तालिबान आतंकियों के हमले का सामना किया। तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली। तालिबान आतंकियों ने गत मंगलवार को बल्ख प्रांत में सेना के एक बेस को निशाना बनाया था। इसमें सात सैनिकों की जान गई थी। ये हमले ऐसे समय किए गए, जब अमेरिका और तालिबान के बीच अहम शांति वार्ता निर्णायक दौर में है।