आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर ई टिकट बनाने के खेल में एक लेडी गैंग भी शामिल है। पहली बार लखनऊ में किसी युवती के टिकट के काले कारोबार में लिप्त होने का पता चला है। युवती ने आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर 40 फर्जी आइडी बनाकर एक साल में तीन लाख रुपये से अधिक की कीमत के टिकट बनवाए । इस काम के लिए 10 हजार रुपये मासिक वेतन पर तीन कर्मचारी भी रखे। आरपीएफ की छापेमारी में दो कर्मचारी धरे गए। युवती फरार हो गई। जबकि आरपीएफ की दूसरी टीम की कार्रवाई में प्रतिबंधित साफ्टवेयर से टिकट बनाने वाला सरगना फरार हो गया। उससे टिकट बनवाने वाले दलाल को 4.18 लाख रुपये के ई टिकट साथ धरा गया।
लखनऊ जंक्शन आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजेश कुमार ने सिंगारनगर में विनीता टूर एंड ट्रैवल्स पर छापा मारा। यहां आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर तत्काल कोटे का ई-टिकट बनाने वाले सौरभ श्रीवास्तव और सचिन शर्मा को गिरफ्तार किया गया। मौके से 37 हजार की कीमत के 21 ई-टिकट बरामद हुए। कम्प्यूटर सिस्टम की जांच हुई तो 40 पर्सनल यूजर आइडी मिली। जिनसे एक साल में करीब तीन लाख रुपये का टिकट बनाया गया। दोनों युवकों ने पूछताछ में बताया कि यह काम दुकान की मालकिन निक्की बत्रा करती हैं। आरपीएफ निक्की की तलाश कर रही है। वहीं दूसरी ओर आरपीएफ क्राइम ब्रांच प्रभारी अमित कुमार राय ने गोमतीनगर के सहारा प्लाजा स्थित शक्ति ट्रैवल एंड साइबर कैफे पर छापा मारा। यहां शक्ति सिंह कुशवाहा से 4.81 लाख रुपये की कीमत के 304 ई-टिकट बरामद हुए।
सरगना के हैं पांच अकाउंट
शक्ति सिंह ने पूछताछ में बतया कि लखनऊ के अधिकांश दलालों का ई टिकट चारबाग गोल मार्केट स्थित दुर्गमा टूर एंड ट्रेवल्स का मालिक जितेंद्र करारा प्रतिबंधित साफ्टवेयर से बनाता है। वह तत्काल की बुकिंग खुलने से पहले आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर अप्लीकेशन भर लेता है। उसके पांच बैंक अकाउंट का पता चला है। डेढ़ महीने पहले भी जितेंद्र करारा टिकट बनाने के खेल में पकड़ा गया था। इस समय वह किसी दूसरी जगह रहकर काम कर रहा है।