सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद (Syrian President Bashar al-Assad) ने चेतावनी दी है कि उत्तर सीरिया से तुर्की की सेनाएं हटाने के लिए यदि राजनीतिक बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती है तो सीरिया के पास युद्ध की एकलौता विकल्प बचेगा। उन्होंने सीरिया नेशनल टेलीविजन चैनल पर दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह वह पड़ोसी देश तुर्की को दुश्मन नहीं बनाना चाहते हैं। असद का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब उत्तरी इलाके में सीरिया और तुर्की की सेनाओं में गतिरोध जारी है।
असद ने कहा कि तुर्की और रूस के बीच बातचीत सेनाओं के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने और कुर्द लड़ाकों की सीमाई इलाके से वापसी के लिए अच्छी पहल है। लेकिन यदि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता है और तुर्की की सेनाएं इलाके को खाली नहीं करती हैं तो सीरिया के पास युद्ध ही एकमात्र विकल्प बचेगा। उन्होंने कहा कि इस मसले पर रूस और ईरान जैसे मित्र देशों की भूमिका शुरू होती है। सीरिया विरोधी नीतियों के चलते तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन का उनके अपने देश के प्रमुख राजनेता विरोध करते हैं।
बता दें कि तुर्की मौजूदा वक्त में सीरिया के विद्रोही बलों का समर्थन कर रहा है। ये विद्रोही गुट असद सरकार के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं। बीते 08 वर्षों से चल रही जंग में तीन लाख 70 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इस महीने तुर्की ने सीरिया की उत्तरी सीमा पर कुर्द बलों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। तुर्की ने पिछले हफ्ते रूस से एक करार के बाद अपना अभियान रोक दिया था। इस समझौते का मकसद इस क्षेत्र को सेफ जोन बनाना है। इलाके में तुर्की 36 लाख सीरियाई शरणार्थियों को बसाना चाहता है। समझौते में सीरिया से लगने वाली तुर्की की सीमा से सीरियाई-कुर्द लड़ाकों को हटाए जाने की भी बात है।
इस बीच तुर्की ने उन 18 सीरियाई सैनिकों को छोड़ दिया है जिन्हें उत्तरपूर्वी सीरिया से गिरफ्तार किया गया था। सैनिकों को छोड़ने से पहले रूस से इस मसले पर बातचीत हुई। तुर्की ने मंगलवार को सीमावर्ती शहर रास-अल-ऐन के पास 18 सैनिकों को पकड़ा था। राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन का कहना है कि तुर्की कुर्द लड़ाकों को आतंकी मानता है। वह उनको वर्दी पहन कर सीरिया-तुर्की की सीमा पर नहीं रहने देगा। इससे पहले तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा था कि पकड़े गए 18 सैनिकों में से दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है।