दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की जंग में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) की नजर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर टिकी है। इसके पीछे आप की रणनीति है कि विधानसभा चुनाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्तर के मसलों को दूर रखा जा सके। दिल्ली के मतदाता पार्टी की जगह मुख्यमंत्री पद के चेहरे और दिल्ली से जुड़े मसलों पर मतदान करें। बीते विधानसभा चुनाव में इसी रणनीति का फायदा आप को मिला था।
पांच साल तक सत्ता में रहने के बाद आप दोबारा से सरकार बनाने की जोर आजमाइश कर रही है। सिर्फ दिल्ली में सिमटी आप विधानसभा चुनाव को काफी अहम मान रही है। इसके लिए वह हर मोर्चे पर विपक्ष का चित करने की कोशिश में जुटी है। इसके लिए आप सरकार जनहित से जुड़ीं योजनाओं की घोषणा कर वोटरों को लामबंद करने में जुटी है।