गलत रणनीति और सही अंतिम एकादश के चयन ना कर पाने के कारण टीम इंडिया को पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-2 से और इंग्लैंड के खिलाफ 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने भी इसे माना था लेकिन विश्व कप में टीम इंडिया की रणनीति शानदार नजर आ रही है और यही कारण है कि उसने अपने शुरुआती दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को हराकर झंडे गाड़ दिए हैं। खासतौर पर ओवल क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन की जीत के बहुत मायने हैं क्योंकि भारतीय टीम विश्व कप में इस टीम को 12 मुकाबलों में से सिर्फ चार बार हरा पाई है।
सही फैसले : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दोनों मैचों में सही संयोजन उतारा। यह टीम इंडिया का सर्वश्रेष्ठ संयोजन है जिसमें शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट, धौनी और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज हैं जबकि केदार जाधव व हार्दिक पांड्या ऑलराउंडर के तौर पर मौजूद हैं। इसके अलावा कुलदीप यादव व युजवेंद्रा सिंह कलाई के स्पिनर के तौर पर मौजूद हैं। आसमान में बादल होने के कारण मुहम्मद शमी पर भुवनेश्वर को तरजीह देना भी सही फैसला रहा। जसप्रीत बुमराह की तो बात ही निराली है। इसके अलावा ओवल में दूसरे मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना और हार्दिक पांड्या को चौथे नंबर पर उतारना विराट के सही फैसले रहे। संकेत मिल रहे हैं कि 35 ओवरों के बाद अगर कोई विकेट गिरता है तो हार्दिक पांड्या ही बल्लेबाजी करने आएंगे जो टीम के लिए फायदेमंद भी है।
खुद को साबित करना चाहते थे विराट : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद विराट कोहली ने कहा कि उन्होंने भारत में हमें सीरीज हराई थी और उसके बाद यह मैच जीतना शानदार है। हमें इस टीम के खिलाफ खुद को साबित करना था। हम यहां मैच की पहली गेंद से ही मजबूत इरादों के साथ उतरे थे। हम जीत दर्ज करने के लिए ज्यादा प्रेरित थे क्योंकि हमने भारत में 2-0 से आगे होने के बाद सीरीज गंवाई थी और तब मिशेल स्टार्क भी नहीं खेल रहे थे इसलिए अब उसके (स्टार्क) आने के बाद उनका गेंदबाजी अटैक अधिक मजबूत हो गया था।
विराट ने मैच के बाद कहा कि मैं तीनों विभागों में इससे बेहतर खेल की उम्मीद नहीं कर सकता। हमें बल्लेबाजी में उस तरह की शुरुआत मिली जैसा हम चाहते थे। भारत ने शिखर धवन (117) के शतक की मदद से पांच विकेट पर 352 रन बनाए और बाद में ऑस्ट्रेलिया को 316 रन पर आउट कर दिया। भारत ने दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज कर ली है लेकिन कोहली अभी से विश्र्व कप सेमीफाइनल के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि नहीं। मुझे लगता है कि सेमीफाइनल के बारे में सोचना अभी बहुत जल्दी होगी। मेरा मानना है कि छह मैचों के बाद हम ये समझने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे कि हम टूर्नामेंट में किस स्थिति में हैं। तालिका में हमारी क्या स्थिति है लेकिन हमने दो मजबूत टीमों के खिलाफ जीत दर्ज की है और हम इससे बेहतर शुरुआत की उम्मीद नहीं कर सकते थे। कोहली ने कहा कि अच्छी बात ये है कि हमें शुरू में ही सभी मजबूत टीमों का सामना करना है इसलिए जैसा मैंने मुंबई में यहां आने से पहले कहा था कि अगर हम पहले चरण में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हम सेमीफाइनल में पहुंचने की बेहतर स्थिति में रहेंगे। भारतीय गेंदबाजी की सबसे अच्छी बात ये रही कि उसने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को 131 गेंदों पर रन नहीं बनाने दिए। जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्रा सिंह चहल ने फिर से अच्छी गेंदबाजी की। इन तीनों ने मिलकर आठ विकेट लिए।
कोहली ने कहा कि वनडे में जब आपके पास अच्छे गेंदबाज हों तो आप खाली गेंदें करते हैं क्योंकि बल्लेबाज इस तरह के गेंदबाज को वास्तव में सम्मान देता है। आपको उन्हें परिस्थिति के अनुसार गेंदबाजी करनी चाहिए और वो जानते हैं कि क्या करना है। मुझे वास्तव में इन गेंदबाजों के साथ कुछ खास रणनीति नहीं बनानी पड़ती है क्योंकि वे अपना काम अच्छी तरह से करते हैं। वे अभी अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं।