अपनी ही सरकार व संगठन को असहज करने वाले मंत्री और विधायकों पर भाजपा अब नरमी बरतने के मूड में नहीं है। इस मामले में पार्टी सख्त कदम उठाकर सबको अनुशासन के भीतर काम करने का संदेश देने की तैयारी कर रही है ताकि विपक्ष को पार्टी में अंगुली उठाने का मौका न मिले और पार्टी के भीतर अनुशासन कायम रहे।
भाजपा में पिछले कुछ दिनों से एक मंत्री और दो विधायक अपने बयानों से संगठन व सरकार को असहज कर रहे हैं। पहले पार्टी में विधायक विधायक देशराज कर्णवाल व कुंवर प्रणव चैंपियन के बीच जुबानी जंग चली। मामला मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा। यहां मामले का पटाक्षेप होने की उम्मीद जताई गई। बाहर आते ही दोनों ने एक दूसरे पर फिर निशाने साध लिए। इस मामले में अब एक जांच समिति का गठन किया गया है। देशराज कर्णवाल इस मामले में अपने बयान समिति के सामने दर्ज करा चुके हैं लेकिन दूसरे विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन अभी तक समिति के सामने पेश नहीं हुए हैं। वह कभी चुनाव प्रचार का हवाला दे रहे हैं तो कभी कार्यक्रमों में व्यस्त होने का। यहां तक कि वह पार्टी लीक से हटकर विवादित बयान भी दे चुके हैं।
यह प्रकरण अभी चल ही रहा था कि अब एक मंत्री और एक विधायक ने ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिस तरह से इस मामले में बयानबाजी की जा रही है, उसे सरकार को ही कठघरे में खड़ा करने के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ये दोनों प्रकरण केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में भी लाए जा चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने भी इन दोनों प्रकरणों को गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि ऐसे में अब सख्त कदम उठाने की तैयारी चल रही है।