किसानों से सम्बंधित एक समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा, “मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले चार साल में तमाम दूरगामी कृषि सुधार हुए, जिसका फायदा नजर आने लगा है. सरकार ने पिछले चार साल में जितना काम किया, पिछली सरकार ने 10 साल के कार्यकाल में वो काम नहीं किए.” राधामोहन सिंह ने कहा, “पहले चोर दरवाजे से यूरिया की कालाबाजारी होती थी. पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में पहली बार इस पर चिंता जाहिर की गई. अटल जी ने वैज्ञानिकों से बातचीत की और इसके खिलाफ उपाय शुरू करने को कहा.
राधामोहन सिंह ने आरोप लगाया, “लेकिन अब वही लोग (कांग्रेस) सवाल उठा रहे हैं जिन्होंने 2004 से 2014 के बीच किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया. ” राधामोहन सिंह ने आगे कहा, “जब एक गरीब का बेटा (नरेंद्र मोदी) प्रधानमंत्री बना तो उसने कहा- देखो इसमें क्या हुआ (यूरिया कालाबाजारी लेकर अटलजी की चिंता पर). हमने देखा, तो पता चला कि फाइलें अलमीरा की शोभा बढ़ा रही हैं. लेकिन हमने फिर वैज्ञानिकों की सिफारिश पर काम करना शुरू कर दिया.
राधामोहन सिंह ने कहा कि अब हम कह सकते हैं कि सरकार बनने के दो वर्ष के अंदर ही नीम कोटेड यूरिया आता है. विदेश से भी नीम कोटेड होने के बाद ही यूरिया बाजार में जाता है. ये सुधार है. उसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं. ” उन्होंने कहा, “अब कहीं यूरिया की कालाबाजारी नहीं होती. मिलावट में रोक का फायदा दिख रहा है. अब 100 किलो के बदले 80 किलो यूरिया खेतों में काम कर रहा है. “