भारत में अक्षय तृतीया को सोना खरीदने के लिए शुभ माना जाता है, इस दिन सबसे अधिक संख्या में लोग सोना खरीदते हैं। आज के समय में सोना सिर्फ ज्वेलरी शॉप पर जाकर ही नहीं खरीदा जा सकता है बल्कि ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है, जहां आज के दिन बड़ी संख्या में खरीदार होंगे। लोगों के बीच सोने की शुद्धता को लेकर सवाल उठते हैं। सोने के आभूषण या गोल्ड बार का रखरखाव भी मुश्किल है और इसे बेचते वक्त भी काफी दिक्कतें आती हैं। हालांकि, अब आप घर बैठे 1 रुपये जितनी कम रकम से भी सोना खरीद सकते हैं। ई-वॉलेट ने इस काम को काफी आसान बना दिया है।
अब भारत में डिजिटल गोल्ड के लॉन्च होने के बाद इस सोच में बदलाव आया है, युवा खासतौर पर इसकी तरफ बढ़ रहे हैं। डिजिटल गोल्ड सोने के तुरंत खरीदने और बेचने का आसान तरीका है। आजकल युवाओं के बीच मोबाइल वॉलेट बहुत ज्यादा पॉपुलर हैं जो कि अब अपने प्लेटफॉर्म पर MMTC-PAMP के साथ साझेदारी में डिजिटल गोल्ड की पेशकश कर रहे हैं। आइए डिजिटल गोल्ड से जुड़ी खास बातें जानते हैं।
ग्राहक गूगल पे, पेटीएम, मोबिक्विक और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं। डिजिटल गोल्ड के ये सभी ऑप्शन एमएमटीसी-पीएएमपी या सेफ गोल्ड या दोनों के साथ जुड़े हुए हैं।
डिजिटल गोल्ड की स्कीम से 1 रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है, जबकि किसी ज्वेलर से कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना होगा, जिसकी कीमत आज के समय में लगभग 3,200 रुपये है। जिसकी वजह से इसको लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है।
डिजिटल गोल्ड स्कीम में 99.99 फीसद 24 कैरट गोल्ड खरीद जा सकता है। MMTC-PAMP प्लेटफॉर्म के जरिए गोल्ड खरीदा जाता है तो इसके लिए कोई भी स्टोरेज चार्ज नहीं देना होगा। 5 साल तक सोना रखा जा सकता है और उसके बाद या तो सोने के सिक्के में तब्दील करना होगा या फिर इसे बेचना होगा।
इसी प्रकार अगर ग्राहक सेफ गोल्ड से फोन पे और मोबिक्विक के जरिए सोना खरीदते हैं तो स्टोरेज चार्ज देना होगा। सेफ गोल्ड से फोन पे के जरिए 2 ग्राम से अधिक सोना पहले दो सालों के लिए फ्री स्टोरेज में आता है। अगर यह 2 ग्राम से कम है तो इसके लिए 0.05 फीसद प्रति माह चार्ज देना होगा। वहीं अगर मोबिक्विक से सोना खरीदा जाता है तो इसे 7 सालों तक स्टोर किया जा सकता है। इस पर सामान्य चार्ज प्लस जीएसटी लागू है।
डिजिटल गोल्ड को बेचना है आसान
फिजिकल गोल्ड को बेचने के लिए डीलर, बैंक और लोकल ज्वेलर्स की शॉप पर जाना होता है, जिसके लिए बिल भी दिखाना पड़ता है। इसी के साथ फिजिकल गोल्ड खरीदते वक्त 7-25 फीसद मेकिंग चार्ज भी लगता है और नग लगाए जाते हैं उसकी भी कीमत खरीद में जोड़ी जाती है, लेकिन बिक्री के वक्त इनको हटा कर कीमत दी जाती है। डिजिटल गोल्ड में 24 कैरट गोल्ड मिलता है और उसे बेचते वक्त बाजार की कीमत के हिसाब से पैसा मिलता है।
भविष्य में अगर आप डिजिटल गोल्ड को बेचना चाहते हैं तो बेच सकते हैं अन्यथा आप इसे अपने घर पर गोल्ड क्वाइन या बार के रूप में भी मंगवा सकते हैं।