दक्षिण-पूर्व जिले के शाहीन बाग में अबुल फजल एन्क्लेव में मंगलवार दोपहर एक चारमंजिला इमारत की पहली मंजिल में आग लग गई। आग में दो मासूम जिंदा जल गए। पहली मंजिल पर फंसे तीन अन्य बच्चों को बचा लिया गया। अन्य मंजिलों पर छह से ज्यादा लोग फंस गए थे, उन्हें भी फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
आग से पहली मंजिल का पूरा सामान जल गया। आग से दूसरी मंजिल पर भी कुछ सामान जल गया। पुलिस के मुताबिक पहली मंजिल पर शॉट सर्किट के कारण आग लगी। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जे-10 ठोकर नंबर-चार अबुल फजल एन्क्लेव में चार मंजिला इमारत है।
इसमें फर्नीचर कारोबारी हाजी यासीन मलिक पत्नी, तीन बेटों सलमान, दिलशाद व एहसान के साथ रहते हैं। इमारत के बेसमेंट और भूतल पर फर्नीचर की दुकानें हैं। यासीन मलिक पत्नी के साथ पहली मंजिल और तीनों बेटे अपने परिवार के साथ ऊपरी मंजिलों पर रहते हैं। फायर ब्रिगेड अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार दोपहर 1:10 बजे आग की सूचना पर पांच गाड़ियां पहुंची थीं।
गलियां संकरी होने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई। जिस समय पहली मंजिल पर आग लगी, वहां परिवार के पांच बच्चे खेल रहे थे। परिवार की महिलाओं व स्थानीय लोगों ने तीन बच्चों को बचा लिया, लेकिन जैद (6) और आयशा (7) आग की चपेट में आकर जिंदा जल गए। जैद दिलशाद का बेटा था और आयशा एहसान की बेटी थी।
यह भी कहा जा रहा है कि आग लगने के 15 से 20 मिनट तक परिजनों को यह भी नहीं पता था कि बच्चे कहां हैं। काफी देर बाद जब उन्हें याद आया कि बच्चे पहली मंजिल पर पिछले कमरे में हैं, तब तक आग बहुत बढ़ गई थी। बचाए गए बच्चों ने ही जैद व आयशा के पहली मंजिल पर होने की जानकारी दी थी।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 200 गज के प्लॉट पर बनी इमारत की हर मंजिल पर कई कमरे हैं। पहली मंजिल पर बच्चों के दादा-दादी रहते थे, अत: बच्चे यहां खेलने आ जाते थे। कमरे भी भूलभुलैया जैसे हैं। बाकी मंजिलों पर भी परिवार के छह से ज्यादा लोग फंस गए थे। स्थानीय लोगों ने सीढ़ी लगाकर और खिड़कियों को तोड़कर इन्हें बचा लिया था। शुरुआती जांच के बाद पुलिस अधिकारी आग का कारण पहली मंजिल पर लगे पावर प्लग में शॉट सर्किट को बता रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पॉवर प्लग में शॉट सर्किट के बाद आग वहां रखे सोफों में लग गई।