पिछले सत्र में शानदार प्रदर्शन की बदौलत दुनिया के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में जगह बनाने की दहलीज पर खड़े भारत के समीर वर्मा का मानना है कि सकारात्मक मानसिकता और बेहतर रणनीति 10 मार्च से शुरू हो रहे ऑल इंग्लैंड में उनके लिए फायदेमंद साबित होगी। समीर ने पिछले साल विश्व टूर फाइनल्स के नाकआउट चरण में जगह बनाई थी। उन्होंने स्विस ओपन, हैदराबाद ओपन और लखनऊ में सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय में जीत की बदौलत इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया था।
इनमें से स्विस ओपन और सैयद मोदी सुपर 300 प्रतियोगिताएं थी। ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के लिए जब वह एरेना बर्मिंघम में उतरेंगे तो उन्हें शीर्ष स्तर का टूर्नामेंट जीतने का सपना पूरा होने की उम्मीद है।
समीर ने पीटीआई से कहा, ”मैं बड़ा टूर्नामेंट जीतना चाहता हूं और चाहता हूं कि यह टूर्नामेंट ऑल इंग्लैंड हो।” यह 24 वर्षीय खिलाड़ी ऑल इंग्लैंड में अपने अभियान की शुरुआत पूर्व विश्व चैंपयिन विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ करेगा।”
समीर ने कहा, ”मैं दो बार उससे (एक्सेलसेन) हारा हूं लेकिन मैं चिंतित नहीं हूं। मैं सात-आठ महीने पहले उससे खेला था। उस समय मैं इस स्तर पर नहीं था। मुझे लगता है कि मैं उसका सामना करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हूं।”
उन्होंने कहा, ”मेरी मानसिकता और रणनीति में अब काफी सुधार हुआ है। मैं आपको नतीजों के बारे में नहीं बता सकता, मैं इनके बारे में बात नहीं कर रहा लेकिन मुझे लगता है कि इस बार ऑल इंग्लैंड के लिए मेरी सर्वश्रेष्ठ तैयारी है।”
समीर ने 2018 में शानदार प्रदर्शन के बाद इस साल जनवरी में करियर की सर्वश्रेष्ठ 11वीं विश्व रैंकिंग हासिल की थी और समीर ने कहा कि उनमें शीर्ष 10 में जगह बनाने का आत्मविश्वास है।
समीर अगर विश्व टूर फाइनल्स के फाइनल में जगह बनाते तो शीर्ष 10 में पहुंच सकते थे लेकिन चीन के दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी शी युकी के खिलाफ मैच प्वाइंट हासिल करने के बावजूद वह 21-12, 20-22, 17-21 से हार गए।
यह पूछने पर कि वह किस खिलाड़ी का सामना करना चाहते हैं, समीर ने कहा, ”मैं केंतो मोमोता के खिलाफ खेलना चाहता हूं। मैंने स्विस ओपन में उसे हराया था लेकिन विश्व टूर फाइनल्स में उससे हार गया और मैं उसके खिलाफ खेलकर अपने खेल को परखना चाहता हूं।”
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समीर ने हालांकि कहा कि वह अभी ओलंपिक के बारे में नहीं सोचना चाहते क्योंकि इससे क्वालीफिकेशन समय के दौरान गैरजरूरी दबाव बनेगा।