PWD : निर्माण कार्यों के बिल अब ऑनलाइन : केशव

2018-19 में नवीन तकनीक से सड़क निर्माण में 942 करोड़ रुपए की बचत

लखनऊ : लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण में नवीनतम तकनीक का प्रयोग कर कम पत्थर से मार्गों का निर्माण कर खदान एवं ढ़ुलाई से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का काम किया है, इससे कम लागत में मजबूत सड़क बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है। यह विचार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने होटल रेनसां, गोमतीनगर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किये। उन्होने बताया कि 2018-19 में नवीन तकनीक के प्रयोग से 30.42 लाख घनमीटर पत्थर की बचत की जायेगी। श्री मौर्य ने कहा कि बचत से होने वाले पत्थर से गाजियाबाद से प्रयागराज तक लगभग 680 किमी.लम्बे दो लेन राज्यमार्ग का निर्माण किया जा सकता है। उन्होने कहा कि अब तक नवीन तकनीक प्रयोग से 942 करोड़ रूपए की बचत की गयी। प्रदेश में नवीन तकनीक को बढ़ावा देने के लिये अभियन्ताओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा खराब सड़क होने से दुर्घटनायें बढ़ती हैं अतः सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पर्यावरण अनुकूल सड़कें बनाने के साथ-साथ रोड साइनेज एवं रोड मार्किंग, रोड सेफ्टी आडिट भी कराया जा रहा है। प्रदेश में प्रथम बार साइनबोर्ड लगाने के लिये 125 करोड़ रूपए की स्वीकृतियां निर्गत की गयीं है, जबकि प्रदेश के प्रमुख व अन्य जिला मार्गों के लगभग 2000 किमी एवं 417 ब्लैक स्पाट का रोड सेफ्टी सीआरआरआई से कराया जा रहा है तथा 144 अभियन्ताओं को विभिन्न संस्थानों से रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिलाया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-गवर्नेंस, ई-एमबी, ई-मेन्टेनेन्स, ई-बिल, ई-प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग, ई-डाटाबेस तथा ई-बजट जैसी व्यवस्था लागू की गयी है ताकि लोक निर्माण विभाग के कार्याें को पारदर्शिता एवं त्वरित गति प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर निगरानी की जा सके।

निर्माण कार्यों की माप भी अब ऑनलाइन, सृष्टि वेबसाईट में समस्त मार्गों का डाटा अपलोड

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि विभाग में समस्त श्रेणी के रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किये जा रहे हैं, अब तक 4544 ऑनलाइन पंजीकरण किये जा चुके हैं जबकि 75 लाख से अधिक लागत के समस्त कार्यों की माप चाणक्य साॅफ्टवेयर के माध्यम से की जा रही है। अब तक 3700 ऑनलाइन माप की जा चुकी है। श्री मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग देश में अकेला ऐसा विभाग है जहां निर्माण कार्यों की माप ऑनलाइन की जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भुगतान में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन बिल तैयार हो रहे हैं, जबकि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति की समीक्षा हेतु चाणक्य साॅफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। उन्होने बताया कि प्रदेश के समस्त राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों की जानकारी के लिये सृष्टि वेबसाइट पर डाटाबेस तैयार किया गया है, विभागीय बजट की उपलब्धियां एवं खण्ड से मुख्यालय की मांग को स्वीकृति एवं आवंटन विश्वकर्मा साॅफ्टवेयर के माध्यम से हो रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का एक ही लक्ष्य है कि सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समय सीमा के साथ पूर्ण हों। सड़को का लाभ ग्रामीण जनता को भी मिले यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने सभी 7 किमी से अधिक चैड़ी सड़कों से 5 किमी के दायरे में आने वाले ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का काम किया है।

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