लैंगिक समानता- ये लड़ाई महिलाएं अकेले नहीं लड़ सकतीं, पुरुषों की होगी अहम भूमिका: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि लैंगिक समानता के लिए लड़ाई में पुरुषों की अहम भूमिका है. उन्होंने लैंगिक भूमिकाओं को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ने पर भी जोर दिया. केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाली शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की पीठ के सदस्य रहे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और भेदभाव की समस्याएं उनके अधिकारों और मुद्दों पर लोगों की संवेदनहीनता से और भी बढ़ जाती हैं.

वह यहां गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी भी उपस्थित थे. चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘लैंगिक समानता के लिए लड़ाई अकेले महिलाएं नहीं लड़ सकतीं.’’ इसके लिए पुरुषों को अहम भूमिका निभानी होगी.

राजनेता कई बार जजों को शक्तियां क्‍यों सौंप देते हैं?: सुप्रीम कोर्ट के जज

समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि जब दुनियाभर में लोकतंत्र के मूल्य दांव पर लगे हुए हैं, ऐसे में कानून और संविधान को बरकरार रखने तथा लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जेंडर रोल को जो स्‍टीरियोटाइप किया गया है, उसको हर रोज खत्‍म किए जाने की जरूरत है. अवसरों के मामले में भयानक असमानता और विषमता देखने को मिलती है जिसमें शिक्षा भी शामिल है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि उन्‍हें अपनी योग्‍यता का इस्‍तेमाल समाज में व्‍याप्‍त असमानता को कम करने की दिशा में करना चाहिए.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com