प्रियंका को पद देकर राहुल ने कबूला कि वह अकेले राजनीति नहीं कर सकते : सुमित्रा महाजन

सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा की आमद को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर बृहस्पतिवार को सीधा सवाल उठाया. महाजन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “प्रियंका अच्छी महिला हैं. मगर (पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में) उनकी नियुक्ति से यह बात भी सामने आती है कि राहुल ने एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है.”

वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि राहुल को समझ आ गया कि वह अकेले राजनीति नहीं कर सकते. इसलिये उन्होंने बहन प्रियंका को अपनी मदद के लिये बुला लिया.” महाजन ने कहा, “मैं कांग्रेस के परिवारवाद के झगड़े में नहीं पड़ती. यह विषय कांग्रेस के लोग ही जानें. लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि जिस व्यक्ति में नेतृत्व की ताकत है, उसे आगे आने का मौका दिया जाना चाहिये.”

उन्होंने मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाये जाने पर बधाई दी.

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाकर सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. मैं उनका अभिनंदन करती हूं, क्योंकि उन्हें यह जिम्मेदारी मिलना मध्यप्रदेश के लिये गौरव की बात है.” महाजन मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र की लोकसभा में वर्ष 1989 से लगातार नुमाइंदगी कर रही हैं, जबकि सिंधिया सूबे की गुना सीट से सांसद हैं.

प्रियंका के आने से बीजेपी में हड़कंप, सुमित्रा की नसीहत की जरूरत नहीं: कांग्रेस
प्रियंका गांधी वाड्रा के सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और बीजेपी द्वारा राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए जाने को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को पलटवार करते हुए दावा किया कि प्रियंका के कांग्रेस महासचिव की घोषणा कारण बीजेपी में हड़कंप की स्थिति है.

पार्टी ने यह भी कहा कि सुमित्रा महाजन को बीजेपी के अंदरूनी मामलों को देखना चाहिए और उनकी नसीहत के बगैर कांग्रेस अच्छी तरह चल रही है और चलती रहेगी. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रियंका गांधी वाड्रा को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया है, तबसे सबसे ज्यादा हड़कंप, सबसे ज्यादा बौखलाहट और सबसे ज्यादा गफलत भारतीय जनता पार्टी में है.’’

सुमित्रा महाजन के बयान से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम बहुत विनम्रता से लोकसभा की अध्यक्षा जी को ये निदेवन करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जो अंदरुनी मामले हैं, वह उन पर ध्यान दें. जहाँ तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो कांग्रेस उनकी नसीहत के बगैर भी बहुत अच्छी तरह से चल रही थी और बहुत अच्छी तरह से चलती रहेगी.’’

सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी के उतरने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर एक तरह से सवाल उठाते हुए कहा, “प्रियंका अच्छी महिला हैं. मगर (पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में) उनकी नियुक्ति से यह बात भी सामने आती है कि राहुल ने एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है.”

उधर, बीजेपी नेता मनोज सिन्हा ने कि प्रियंका की कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर नियुक्ति पर दिल्ली में गहमागहमी हो सकती है लेकिन इसे उस इलाके में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है जिस क्षेत्र का कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रभार दिया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने बुधवार को प्रियंका को महासचिव और प्रभारी (उत्तर प्रदेश-पूर्व) नियुक्त किया. इसके साथ ही प्रियंका का सक्रिय राजनीति में पदार्पण हो गया.

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