संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के कई हिस्सों में भारत सहित कई दक्षिण एशियाई देशों के तस्करी पीड़ितों का पता चला है . इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हर तीसरा तस्करी पीड़ित एक बच्चा है और इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव तस्करी अब “भयावह रूप” ले चुका है. दुनियाभर में नशीली दवाओं और अपराध की निगरानी करने वाली संयुक्तराष्ट्र की संस्था यूएन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) की ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ट्रैफिकिंग इन पर्सन्स 2018’ 142 देशों से ली गई जानकारी पर आधारित है, जिसमें तस्करी के तौर तरीकों की जांच-पड़ताल की गई है.
रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़ितों के साथ हो रहे यौन शोषण के साथ ही मानव तस्करी अब “भयानक रूप” ले चुका है. तस्करी के शिकार हुये लोगों में अब 30 फीसदी बच्चे शामिल हैं, जिनमें लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कहीं अधिक होती है. पश्चिमी और दक्षिणी यूरोप के कई हिस्सों में भी दक्षिण एशिया (और दक्षिण-पश्चिम एशिया) के पीड़ितों का पता चला है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इन पीड़ितों को बांग्लादेश, भारत, और पाकिस्तान समेत अधिकांश दक्षिण एशियाई देशों से तस्करी कर लाया गया है, जिनमें नेपाल और श्रीलंका से कुछ हद तक लाये गये लोग भी शामिल हैं. नॉर्डिक देशों, नीदरलैंड और ब्रिटेन में भी अफगानिस्तान से तस्करी कर लाये गये कई पीड़ितों का पता लगाया गया है.’’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन देशों से ही ज्यादातर लोगों को तस्करी कर दुनिया के बाकी हिस्सों में ले जाया जाता है. दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में दक्षिण एशियाई तस्करी पीड़ितों का पता चला है.