जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित सैकड़ों जर्मन नेताओं के निजी डेटा चोरी कर उन्हें ऑनलाइन जारी कर दिया गया. यह जानकारी शुक्रवार को सरकार ने दी.
सूचना में घर का पता, मोबाइल फोन नंबर, पत्र, बिल और पहचान पत्र की प्रतियां शामिल हैं जिन्हें दिसम्बर में ट्विटर पर प्रकाशित किया गया लेकिन यह इसी हफ्ते प्रकाश में आया.
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि हैकर्स ने नेताओं को निशाना बनाया या वे अंदरूनी तौर पर लीक किए गए. सरकार की प्रवक्ता मार्टिना फिट्ज ने कहा,’सैकड़ों नेताओं और हस्तियों के निजी डेटा और दस्तावेज इंटरनेट पर प्रकाशित किए गए.’ उन्होंने पुष्टि की कि मर्केल का डेटा भी लीक हुआ है.
उन्होंने कहा,‘सरकार इस घटना को काफी गंभीरता से ले रही है.’ उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों में संसद के निचले सदन के सदस्य और यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ ही क्षेत्रीय और स्थानीय विधानसभाओं के नेता शामिल हैं. फिट्ज ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि मर्केल के कार्यालय से ‘संवेदनशील सूचना या डेटा लीक नहीं हुआ है.’
राजनीतिक दलों ने जताई चिंता
बहरहाल, बर्लिन के राजनीतिक दलों ने इस पर गंभीर चिंता जताई है. कानून मंत्री कटरीना बार्ले ने बयान जारी कर कहा,‘इसके पीछे जो भी है वह हमारे लोकतंत्र और इसके संस्थानों में भरोसा को तोड़ना चाहता है.’वामपंथी लिंके संसदीय समूह के प्रमुख डायटमार बार्श ने इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ करार दिया.
नेताओं के अलावा हस्तियों और पत्रकारों के भी निजी डाटा लीक हुए हैं जिसमें निशाना बनाए गए लोगों के अपने प्रियजनों और बच्चों से किए गए चैट और वॉयसमेल संदेश भी शामिल हैं.