अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के लिए मालवहन की दृष्टि से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह के संचालन की कमान भारत ने सोमवार को संभाल ली।
भारत-अफगानिस्तान-ईरान का उद्देश्य इस बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय माल परिवहन को लोकप्रिय बनाना है। फरवरी में वहां बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा। यह बंदरगाह रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। तीनों देशों की चाबहार समझौते के क्रियान्वयन संबंधी समिति की सोमवार को चाबहार में पहली बैठक हुई। इसी दौरान ईरान ने संचालन की कमान भारत को सौंप दी। भारत की तरफ से इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड कंपनी ने चाबहार में अपने कार्यालय की शुरुआत कर ली।
व्यापार मार्गों पर बनी सहमति
बैठक में बंदरगाह से पारगमन एवं परिवहन के त्रिपक्षीय समझौते के पूर्ण क्रियान्वयन को लेकर सकारात्मक एवं रचनात्मक विचार-विमर्श हुआ। साथ ही व्यापार एवं पारगमन के मार्गों पर तीनों के बीच सहमति कायम हो गई। कार्गो की आवाजाही अंतरराष्ट्रीय कार्गो परिवहन संबंधी टीआईआर संधि के प्रावधानों के अनुरूप होगी।
लॉजिस्टिक लागत कम करेंगे
भारत, अफगानिस्तान एवं ईरान इस बंदरगाह को लोकप्रिय बनाने के लिए 26 फरवरी 2019 को बड़ा आयोजन करेंगे। इसके अलावा लॉजिस्टिक की लागत कम करने एवं व्यापार मार्ग को आकर्षक बनाने के उपायों पर भी अध्ययन किया जाएगा।
पाकिस्तान को जवाब
चाबहार के संचालन से भारत पाकिस्तान को बायपास कर सकेगा। भारत अफगानिस्तान में जहाजों के द्वारा माल की आपूर्ति बढ़ा सकेगा। भारत के आग्रह पर अमेरिका ने इस बंदरगाह को ईरान पर लगे प्रतिबंधों से मुक्त कर रखा है। यह भी भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है।