राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस साल की शुरूआत में मिले निर्देशों के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.66 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने मंगलवार को ईमेल के जरिए भेजे गए सवालों के जवाब में कहा, ‘‘पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.66 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी गई है.’’ इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी गई.
पाकिस्तान से हताश है अमेरिका!
ओबामा प्रशासन में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य एशिया के लिए उप सहायक रक्षा मंत्री के रूप में काम कर चुके डेविड सिडनी का कहना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता को इस वर्ष जनवरी से रोका जाना अमेरिका की हताशा का संकेत है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने अमेरिका की मुख्य चिंताओं के निराकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. मुख्य चिंता यह है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के खिलाफ हिंसा का प्रयोग करने वाले समूहों को बर्दाश्त करता है और उन्हें अक्सर बढ़ावा देता है.’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पाकिस्तान के नेताओं ने सहयोग का वादा किया था, लेकिन बातों से अलग कोई गंभीर सहयोग नहीं किया है, इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप और ज्यादातर अमेरिकी निराश हैं.’’
ट्रंप ने किया था ट्वीट
रविवार को फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार और सोमवार को दो ट्वीटों में ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान अमेरिका के लिये कुछ भी नहीं कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जानता था कि ओसामा बिन लादेन ऐबटाबाद में एक भवन में रह रहा है, लेकिन पाकिस्तान को दी गई सारी सहायता बेकार गई. उसे प्रतिवर्ष 1.3 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता दी जा रही थी.
नतीजतन ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सारी सुरक्षा सहायता में कटौती के अपने फैसले का बचाव किया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जवाब में एक ट्वीट में कहा कि उनके देश ने अमेरिका की तरफ से आतंकवाद से लड़ते हुए काफी कुछ भुगता है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अब हम अपने लोगों और हमारे हित में जो बेहतरीन होगा वह करेंगे.’’ पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता में कटौती की मांग कर रहे सीनेटर रैंड पॉल ने ट्रंप के फैसले का समर्थन किया.