1952 से 1967 तक एक साथ होते थे आम चुनाव, राष्ट्रहित में सभी लोग होंगे एक : पीपी चौधरी

नई दिल्ली। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने मंगलवार को कई मुद्दों को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि 1952 से 1967 तक आम चुनाव एक साथ होते थे। उस समय हमारे पास आज जितने संसाधन भी नहीं थे, लेकिन हम आगे बढ़ चुके हैं।

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, आज की बैठक रणनीति बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि इसमें एक प्रेजेंटेशन और बातचीत सत्र होगा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी मौजूद रहेंगे और उनसे बातचीत होगी। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन भी वहां मौजूद रहेंगे और हम उनसे भी चर्चा करेंगे। इस बैठक में चर्चा की जाएगी कि जो बिल लाया गया है, उसमें और क्या जरूरतें हैं। साथ ही यह भी चर्चा की जाएगी कि भारत के संविधान में और क्या बदलाव हो सकता है, ताकि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की दिशा में हम आगे बढ़ सकें।

उन्होंने कहा, वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है और पीएम मोदी ने इस पर जो कदम उठाया है, उसे ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी के सामने रखा गया है। मुझे उम्मीद है कि इस पर जब चर्चा होगी तो राष्ट्रहित में सभी लोग एक साथ जुड़ेंगे।

वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के बारे में जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा, 1952 से 1967 तक आम चुनाव एक साथ होते थे। उस समय हमारे पास आज जितने संसाधन भी नहीं थे। न ईवीएम था, न वीवीपैट, न ही कोई उन्नत प्रणाली या तकनीक थी। तब भी पूरे देश में एक साथ चुनाव होते थे। अब हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं और आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए हम कह सकते हैं कि हमारे लिए यह असंभव नहीं है।

वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के खिलाफ विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा, अगर कुछ गलत लगता है, तो हम उसे ठीक करेंगे। हालांकि, अगर सुधार के बावजूद विरोध जारी रहता है, तो हमारे पास इसका कोई उपाय नहीं है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस के भी कई मित्र मुझसे कहते हैं कि चुनाव में ज्यादा टाइम लग जाता है और हम जनता की सेवा नहीं कर पाते, इसलिए वे भी इससे खुश हैं।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com