दरअसल, अनबन की खबरों को उस वक्त बल मिला, जब शिंदे ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड की तरह मेडिकल सेल बना दिया. शिंदे के इस फैसले पर विपक्ष ने भी सवाल उठाया था. मंगलवार को शिंदे ने इस फैसला का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नया सेल किसी कंप्टीशन में नहीं शुरू किया गया है. यह मुख्यमंत्री के वॉर रूम के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे मरीजों को अच्छी सुविधाएं और अच्छा इलाज मिल पाए.
फडणवीस ने भी अनबन की खबरों को नकारा
शिंदे के साथ-साथ फडणवीस ने भी मतभेदों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे सेल का गठन कोई बड़ी बात नहीं है. यह गलत नहीं है. इस सेल का मकसद जरूरतमंद लोगों की मदद करना है. उप मुख्यमंत्री रहने के दौरान, मैंने भी ऐसा ही एक सेल बनाया था.
शिंदे गुट के विधायकों की सिक्योरिटी हटाई गई
बता दें, महाराष्ट्र के शिवसेना (शिंदे गुट) के 20 विधायकों की Y कैटेगरी सुरक्षा हटा ली गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब इन विधायकों की सुरक्षा के लिए सिर्फ एक कॉन्सटेबल तैनात किया गया है. शिंदे गुट के साथ-साथ भाजपा और NCP (अजित गुट) के भी कुछ विधायकों की सुरक्षा को घटाने की जानकारी है. हालांकि, सरकार की ओर से इस बारे में कोई भी बयान सामने नहीं आया है. न ही विधायकों ने अब तक इस बारे में कुछ बोला है. बता दें, मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि शिंदे गुट के विधायकों की सुरक्षा छिने जाने से एकनाथ शिंदे नाराज हैं.