इस दिन से ही त्रिदिवसीय बर्ड फेस्टिवल भी आयोजित किया जाएगा। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक आयोजन प्रारंभ हो गए। महाकुंभ के मुख्य पंडाल गंगा में अभी बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर, मोहित चौहान, कविता सेठ, नवदीप वडाली सरीखे कलाकारों के सुगम संगीत से श्रोता दो-चार होंगे।
माघ पूर्णिमा स्नान के उपरांत फाल्गुन मास में भी सुरमई सांझ में श्रोता-दर्शक भारतीय संस्कृति का दीदार करेंगे। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ हो गए, जबकि शुक्रवार से त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल पर कार्यक्रम शुरू होंगे। महाकुंभ की अवधि के दौरान कैलाश खेर, मोहित चौहान, सुचेता भिड़े, कविता सेठ, नितिन मुकेश सरीखे नामचीन कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी। इस दौरान शास्त्रीय संगीत, वायलिन, तबला, बांसुरी वादन, ध्रुपद गायन, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, कथक, ओडिसी नृत्य आदि विधा के कलाकार महाकुंभ में अपनी प्रतिभा बिखेरेंगे।
आस्था के साथ ही महाकुंभ प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा। सीएम योगी के निर्देश पर श्रद्धालुओं के लिए ईको टूरिज्म का विशेष प्लान भी बनाया गया है। 16 से 18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भी होगा, जिसमें लगभग 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुंभ भी होगा। इसमें लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन आदि का दीदार कर सकेंगे। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत लगभग एक दर्जन से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षियों का भी दीदार होगा।
फेस्टिवल के दौरान फोटोग्राफी, पेंटिंग, नारा लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी समेत अनेक प्रतियोगिताएं होंगी, जिनके विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण होगा।
यूपी के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से महाकुंभ में आस्था व जलवायु परिवर्तन पर जलवायु सम्मेलन भी होगा। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना और जलवायु सुधार को लेकर प्रेरित करना है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे। साथ ही धर्मगुरु, पर्यावरणविद, अनेक सामाजिक संगठन, उद्योग व व्यापार जगत के साथ ही गणमान्य नागरिक भी हिस्सा लेंगे।