नई दिल्ली, 20 जनवरी। प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ 2025 की भव्यता और महत्व को लेकर योगी सरकार देश-विदेश में व्यापक प्रचार अभियान में जुटी है। इसी कड़ी में सोमवार को नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय “जवाहर लाल नेहरू भवन” में विदेशी मीडिया के समक्ष महाकुम्भ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया। प्रयागराज में आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े आयोजन को धर्म, संस्कृति और आत्म-खोज के प्रतीक के रूप में बताया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों ने विदेशी मीडिया को महाकुम्भ की भव्यता की जानकारी दी।
महाकुम्भ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व डाला प्रकाश
विदेश मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विदेशी मीडिया के समक्ष जानकारी देते हुए बताया गया कि महाकुम्भ 2025 मानवता के इतिहास में सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समागमों में से एक है। यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित हो रहा है। इसकी पौराणिक जड़ें समुद्र मंथन की कथा से जुड़ी हैं, जिसमें अमृत कलश से चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में अमृत की बूंदें गिरी थीं। महाकुम्भ का स्नान आत्मा की शुद्धि और आत्मज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
15 लाख विदेशी श्रद्धालुओं के महाकुम्भ आने का अनुमानसरका
र के आंकलन के अनुसार, इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है, जिनमें करीब 15 लाख विदेशी पर्यटक भी होंगे। 2019 के कुंभ मेले में 25 करोड़ लोग शामिल हुए थे। यह आयोजन विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोगों को एक साथ लाकर एकता और समानता का संदेश दे रहा है।
दुनिया में आयोजित होने वाले अन्य धार्मिक आयोजनों से वृहद है महाकुम्भ 2025
विदेशी मीडिया के समक्ष योगी सरकार के अधिकारियों ने बताया कि महाकुम्भ 2025 के श्रद्धालुओं की संख्या अन्य बड़े वैश्विक आयोजनों से कहीं अधिक होगी। विश्व के बड़े आयोजन जैसे रियो कार्निवल में लगभग 70 लाख, हज में 25 लाख और ओक्टोबरफेस्ट में 72 लाख लोग शामिल होते हैं। वहीं महाकुम्भ 2025 में 45 करोड़ लोगों का आगमन इस महाआयोजन की वृहदता और इसकी वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।
आर्थिक और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा महाकुम्भ
अधिकारियों के अनुसार, महाकुम्भ 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देगा। इससे अनुमानित व्यापार ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी में 1% से अधिक की वृद्धि का भी अनुमान है। दैनिक आवश्यक वस्तुओं का कारोबार ₹17,310 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जबकि होटल और यात्रा सेवाओं में ₹2,800 करोड़ का व्यापार होगा। धार्मिक सामग्री और फूलों का कारोबार क्रमशः ₹2,000 करोड़ और ₹800 करोड़ तक हो सकता है।
प्रयागराज का कायाकल्प और बुनियादी ढांचे का विकास
अधिकारियों ने बताया कि महाकुम्भ को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयागराज में व्यापक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है। इसमें 14 नए फ्लाईओवर और अंडरपास, 9 स्थायी घाट, 7 नई बस स्टेशन और 12 किलोमीटर अस्थायी घाट शामिल हैं। सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड और 2,750 एआई-आधारित सीसीटीवी कैमरे तैनात किए गये हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में 6,000 बेड, 43 अस्पताल और एयर एंबुलेंस की व्यवस्था है। स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 10,200 सफाईकर्मी और 1,800 गंगा सेवादूत तैनात हैं।
किन्नर अखाड़ा सहित महाकुम्भ 2025 में 13 अखाड़ों की भागीदारी
महाकुम्भ 2025 में 13 अखाड़ों की भागीदारी हो रही है, जिनमें किन्नर अखाड़ा और महिलाओं के अखाड़े सहित दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा शामिल हैं। ये अखाड़े लिंग समानता और प्रगतिशील दृष्टिकोण का प्रतीक हैं। यह आयोजन जाति, धर्म और सांस्कृतिक विविधता के बीच एकता को बढ़ावा दे रहा है। महाकुम्भ 2025 न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक समृद्धि को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच भी है। इस दौरान प्रयागराज महाकुम्भ को कवर करने वाली विदेशी मीडिया को होने वाली समस्याओं का निराकरण तथा प्रयागराज संगम तक पहुंचाने के लिए दी जाने वाली सहायताओं का भी आश्वासन दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी संजीव सिंह, सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, यूपी के सूचना निदेशक शिशिर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रणधीर जयसवाल भी मौजूद थे।