कंपनी के चीफ एचआर सौरभ गोविल के कहा, अक्टूबर-दिसंबर अवधि (तीसरी तिमाही) में लगभग 7,000 फ्रेशर्स को भर्ती किया जा चुका है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 2,500-3,000 और लोगों के भर्ती होने की उम्मीद है।
गोविल ने आगे कहा कि आईटी कंपनी ने घटती हुई छंटनी दरों के बीच कर्मचारी यूटिलिटी में सुधार लाने और मार्जिन बढ़ाने के लिए अपने नियुक्ति मॉडल का पुनर्मूल्यांकन किया है।
विप्रो ने वित्त वर्ष 2024-25 के तीसरी तिमाही के नतीजों में बताया था कि 31 दिसंबर, 2025 तक कंपनियों में 2,32,732 कर्मचारी कार्यरत थे।
अक्टूबर-दिसंबर अवधि में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा तिमाही आधार पर 4.5 प्रतिशत बढ़कर 3,354 करोड़ रुपये हो गया है। नतीजों के साथ कंपनी ने 6 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था।
31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए, कंपनी को उम्मीद है कि हमारे आईटी सर्विस बिजनेस सेगमेंट से आय 2,602 मिलियन डॉलर से 2,655 मिलियन डॉलर के बीच होगा।
विप्रो के सीईओ और प्रबंध निदेशक, श्रीनि पल्लिया के अनुसार, आम तौर पर पर कमजोर मानी जाने वाली तिमाही में अच्छे एग्जीक्यूशन के कारण हम अपनी आय गाइडेंस के मुताबिक वृद्धि हासिल कर पाए हैं।
विप्रो की मुख्य वित्तीय अधिकारी, अपर्णा अय्यर ने कहा कि कंपनी ने लगातार चौथी तिमाही में मार्जिन बढ़ाया है, जिससे हम अपने पहले से घोषित 17.5 प्रतिशत मार्जिन लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं।
आगे कहा, हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बोर्ड ने हमारी संशोधित पूंजी आवंटन नीति को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा बोर्ड ने 6 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड भी घोषित किया है।