दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डीओटी ने 6जी के लिए टीएचजेड कम्युनिकेशन फ्रंट एंड्स के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के विकास के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
संचार मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दूरसंचार विभाग के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) प्रस्ताव के लिए 6जी कॉल के तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
बयान के अनुसार, यह प्रपोजल कॉल 6जी इको-सिस्टम विकसित करने पर तेजी से रिसर्च करने को लेकर है, जो भारत 6जी विजन के हिस्से के रूप में 6जी नेटवर्क टेक्नोलॉजी को डिजाइन, डेवलप और स्थापित करने के लिए है। यह हाई-क्वालिटी लिविंग एक्सपीरियंस के सर्वव्यापी बुद्धिमान और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
इस परियोजना का उद्देश्य बेसिक डिवाइस और कंपोनेंट्स को डेवलप करना है जो 6जी कम्युनिकेशन के लिए टीएचजेड सिस्टम के साथ-साथ मिलिट्री कम्युनिकेशन जैसे दूसरे टीएचजेड सिस्टम के लिए आवश्यक हैं।
भारत में चिप निर्माण सुविधाओं की स्थापना के हालिया कार्यक्रम के साथ इस परियोजना को शुरू किया जा रहा है।
आईआईटी दिल्ली की सुविधाओं में कुछ कोर कंपोनेंट्स को डेवलप करने के लिए कोलकाता के एसएएमईईआर (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) के साथ सहयोग किया जाएगा।
यह प्रोडक्शन लेवल पर टीएचजेड कंपोनेंट्स के निर्माण को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाएगा। सी-डीओटी इस परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है।
सी-डीओटी के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय के अनुसार, यह इनोवेशन को बढ़ावा देने और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर भारत 6जी विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सी-डीओटी टीम ने पहली बार पूरी तरह से भारत के भीतर 6जी संचार के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक टीएचजेड कंपोनेंट्स को डेवलप करने के इस प्रयास के लिए अपनी प्रतिबद्धता और समर्थन व्यक्त किया।