अक्टूबर में भारत की ईंधन खपत 2.9 प्रतिशत बढ़कर हुई 20.04 मिलियन मीट्रिक टन

नई दिल्ली । भारत में ईंधन की खपत तेजी से बढ़ रही है। तेल मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में भारत की ईंधन खपत बीते साल की तुलना में 2.9 प्रतिशत बढ़कर 20.04 मिलियन मीट्रिक टन हो गई, जो कि मजबूत आर्थिक गतिविधि के कारण संभव हुआ। भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक देश है।

पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की वेबसाइट के आंकड़ों से पता चलता है मासिक आधार पर ईंधन की मांग सितंबर में 17.94 मिलियन मीट्रिक टन से 11.7 प्रतिशत बढ़कर अक्टूबर में 20.04 मिलियन मीट्रिक टन हो गई। पेट्रोल की बिक्री एक साल पहले की तुलना में लगभग 8.6 प्रतिशत बढ़कर 3.41 मिलियन टन हो गई।

बीते साल अक्टूबर में पेट्रोल की बिक्री का यह आंकड़ा 3.14 मिलियन मीट्रिक टन था। इस साल अक्टूबर में डीजल की खपत में मासिक आधार पर 19.93 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई, जो अब बढ़कर 7.64 मिलियन टन हो गई। इसमें सालाना आधार पर 0.13 की वृद्धि हुई। बीते साल अक्टूबर में डीजल की खपत का आंकड़ा 7.63 मिलियन टन था। अक्टूबर में रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री वार्षिक आधार पर 9.2 प्रतिशत बढ़कर 2.73 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।

इस साल सितंबर और बीते साल अक्टूबर में एलपीजी की बिक्री का यह आंकड़ा क्रमशः 2.60 मिलियन टन और 2.50 मिलियन टन था। जेट फ्यूल की बात करें तो इस साल अक्टूबर में जेट फ्यूल की खपत 10.14 प्रतिशत बढ़कर 0.76 मिलियन टन हो गई। वहीं, बीते साल अक्टूबर में जेट फ्यूल की खपत का यह आंकड़ा 0.69 मिलियन टन था।

वहीं, दूसरी ओर इस साल अक्टूबर में नेफ्था और केरोसिन की खपत घटी है। आंकड़ों के अनुसार, नेफ्था की बिक्री सालाना आधार पर घटकर 1.18 मिलियन टन रह गई। बीते साल अक्टूबर में नेफ्था की खपत 1.19 मिलियन टन थी। इस साल सितंबर में यह खपत 1.03 मिलियन टन थी। इसी तरह अक्टूबर में केरोसिन की खपत का आंकड़ा 0.03 मिलियन टन था। जबकि सितंबर में बिक्री का यह आंकड़ा 0.04 मिलियन टन था।

 

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