नरेंद्र मोदी के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतने साल तक सत्ता के शीर्ष पदों से जुड़े रहने के बाद भी उनके ऊपर भ्रष्टाचार और घोटाले का एक भी आरोप नहीं लगा। उन्होंने बिना स्वार्थ के जनता के बीच रहकर जनता के लिए काम किया।
जिन लोगों ने उस समय उनके साथ काम किया है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, वे पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच की तारीफ करते हैं। अब वह देश को भी उसी दृष्टिकोण के साथ लगातार आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का जीता-जागता उदाहरण है 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य। जहां एक ओर तमाम पार्टी और राजनेता पांच साल का विजन लेकर चलते हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े-बड़े लक्ष्यों के साथ देश को आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं की सफलता, पीएम मोदी की सोच को साफ दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कई इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन आज से ठीक 23 साल पहले 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने गुजरात की सत्ता संभाली। कुशल नेतृत्व के कारण गुजरात की जनता ने उनपर लगातार तीन बार भरोसा जताया।
नरेंद्र मोदी यहीं नहीं रुके। अपनी कल्याणकारी योजनाओं और गुजरात मॉडल के दम पर उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में जबरदस्त बहुमत से जीत दिलाई। जहां एक ओर पूर्व की यूपीए सरकार को भ्रष्टाचार पर घेरते हुए उन्होंने भाजपा को जीत दिलाई, वहीं 10 साल से केंद्र की सत्ता में रहते हुए खुद और अपनी पार्टी को इस गंदगी से दूर भी रखा।
केंद्र में सरकार का नेतृत्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लगातार ऐसे बड़े फैसले हुए, जो उनकी उपलब्धियों को और आगे ले गए। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का हटना, सीएए-एनआरसी लागू होना, तीन तलाक को असंवैधानिक बनाना और जीएसटी जैसे फैसले अहम हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक होना, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण उनके कार्यकाल की कुछ अन्य उपलब्धियां हैं।
अब नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए हैं। ऐसे में वह देशहित में आगे और कई फैसले ले सकते हैं, जिनमें वन नेशन, वन इलेक्शन भी शामिल है।