इस मौके पर सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत जीवन अनुशासन व सादगी से भरा है। सामान्य नागरिक, कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने शून्य से यात्रा शुरुआत की। अपनी कर्मठता, विचार परिवार से मिले अनुशासन, पारिवारिक संस्कारों के जरिए हर काम देश के नाम के लक्ष्य के साथ उन्होंने जीवन को आगे बढ़ाया, तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक प्रमुख (भारत के प्रधानमंत्री) के रूप में हम सभी का नेतृत्व कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि आर बालासुब्रमण्यम की पुस्तक उनके विस्तृत स्वरूप का उल्लेख करती है। हर किसी को इस पुस्तक का अवलोकन करना चाहिए। सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला।
सीएम योगी ने कहा कि आर. बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी पीएम के संपूर्ण व्यक्तित्व को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। यह केवल पुस्तक नहीं है, बल्कि शून्य से शिखर की यात्रा का नाम है, जिसे नया भारत न केवल देख रहा है, बल्कि उसके अनुसार जीवन भी जी रहा है। पीएम मोदी के सक्षम व विजनरी लीडरशिप में नए भारत का दर्शन हो रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि कोई भी देश अचानक विकसित नहीं हुआ। उन सभी ने बड़े विजन व लक्ष्य के साथ काम किया। जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, तो पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का रोड मैप दिया और इसके लिए पंच प्रण का रास्ता भी बताया। लक्ष्य देने के साथ ही रास्ता बताना विजनरी नेतृत्व का गुण होता है। दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल को धरातल पर उतारने का कार्य भी दिया। भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में समृद्ध किया। जहां कोई नहीं पहुंच पाया, वहां भारत का चंद्रयान पहुंचा है।
योगी ने कहा कि पीएम मोदी के समावेशी विकास व कल्याण योजनाओं का हर किसी ने अनुभव किया। सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया भारत की ऋषि परंपरा की देन रही है तो वहीं 2014 में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया। संकट आने पर नेतृत्वकर्ता का गुण होता है कि डटकर मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करे और जनता के उद्धार का मार्ग प्रशस्त कर सके। कोरोना के समय पीएम मोदी ने देखा कि श्रमिक वर्ग, कारीगर, हस्तशिल्पी के रोजगार पर बुरा असर पड़ा तो उन्होंने 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा दी।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एक तरफ कोरोना में उन्होंने ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट, टीका फ्री में उपलब्ध कराया गया। जब रोजगार छीन गया तो गरीबों की हरसंभव मदद की। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने दुस्साहस किया तो सर्जिकल स्ट्राइक व बालाकोट में एयर स्ट्राइक में भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि दिव्य जिम्मेदारी भी है। सिखों की आस्था से जुड़े करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हुआ तो बाल दिवस को गुरु गोविंद सिंह के चार-चार साहिबजादों की स्मृति के रूप में मान्यता दिलाकर पीएम मोदी ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परंपरा को बढ़ाने का कार्य किया।
सीएम योगी ने आगे कहा कि पीएम मोदी का प्रयास रहा कि भाजपा केवल सत्ता प्राप्त करने वाली पार्टी न बने। भारत यदि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो भारत का वास्तविक प्रतिनिधित्व करने वाली भाजपा को सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में गौरव प्राप्त हो, यह भी पीएम मोदी के विजनरी लीडरशिप में संभव हो पाया।
योगी ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में भाजपा ने कठिन क्षेत्रों में भी पहुंच बनाई। असम में जब भाजपा ने पहली बार सरकार बनाई तो आपके बीच से ही कार्यकर्ता डॉ. महेंद्र सिंह को प्रभारी के रूप में भेजा गया। त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनी। मणिपुर, अरुणाचल, मेघालय व नागालैंड में भाजपा के सहयोग से सरकार चल रही है। इन क्षेत्रों में भाजपा व भारत के बारे में लोगों के मन में संशय था। उनमें अलगाववाद का भाव देखने को मिलता था, क्योंकि कांग्रेस व 2014 के पहले की सरकारों ने उन्हें आत्मीयता के साथ नहीं जोड़ने का प्रयास नहीं किया। वहीं पीएम मोदी ने लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत नॉर्थ ईस्ट को जिस भाव से जोड़ा, उसकी बदौलत आज वह विकास की मुख्यधारा से जुड़ा है।
सीएम योगी ने कहा कि एक समय था, जब दो ध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था बन चुकी थी। एक का नेतृत्व अमेरिका व दूसरे का रूस (सोवियत संघ) करता था। धीरे-धीरे व्यवस्था एकतरफा होती गई, लेकिन आज वैश्विक व्यवस्था का ध्रुवीकरण भारत के बिना संभव नहीं है। भारत जो चाहेगा, दुनिया में वही होगा।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनता-जनार्दन के साथ पीएम कनेक्ट हैं। बिना जनसहभागिता के कार्यक्रम नहीं होता है। उनका हर कार्यक्रम देश के नाम होता है और इसमें जन सहभागिता होती है। स्वच्छ भारत मिशन भी इसका उदाहरण है।