लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्व-त्योहारों के अवसर पर पुलिस और प्रशासन को 24×7 अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी जिले विगत वर्षों में त्योहारों के समय प्रदेश में घटी हर छोटी-बड़ी घटना का आंकलन करें और ऐसी व्यवस्था बनाएं कि इस वर्ष शारदीय नवरात्र से छठ तक के पूरे त्योहारी माहौल में कहीं भी एक भी अप्रिय घटना न घटे। उल्लास और उमंग का यह समय शांति और सौहार्द पूर्ण माहौल में बीते, इसके लिए बीट सिपाही से लेकर चौकी, थाना, जिला, रेंज, ज़ोन, मंडल में तैनात हर अधिकारी को प्रयास करना होगा।
मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी व पुलिस कप्तानों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने त्योहारी माहौल में जिला स्तर पर बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश…
अगले दो दिनों में सभी दुर्गा पूजा कमेटियों से थाना, सर्किल और जनपद स्तर पर संवाद कर लिया जाए। कहीं भी सड़क खोद कर पंडाल न बनाया जाए। पंडाल बनाते समय यातायात की सुगमता का पूरा ध्यान रखा जाए। प्रतिमा की ऊंचाई एक सीमा से अधिक न हो। कमेटियों से बातचीत कर यह सुनिश्चित कराएं कि उनके परिसर में ऐसा कोई कृत्य नहीं होगा, जिससे किसी अन्य की आस्था आहत हो। फूहड़ अथवा कानफोड़ू गीत-संगीत-नृत्य नहीं होना चाहिए। कमेटी द्वारा पंडाल व आस-पास साफ-सफाई का माहौल बना कर रखना होगा।
प्रतिमा विसर्जन का रूट पहले से स्पष्ट होना चाहिए। यह सुनिश्चित कर लें कि प्रतिमा विसर्जन रूट पर कहीं हाईटेंशन लाइन न हो। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। पंडालों में फायर सेफ्टी के संबंध में आवश्यक प्रबन्ध होने चाहिए।
बीट सिपाही से लेकर हल्का इंचार्ज और पुलिस कप्तान सहित हर अधिकारी सड़क पर उतरे। त्योहार के दिनों में कुछ अराजक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस को अलर्ट रहना होगा। आम आदमी को उसकी सुनिश्चित सुरक्षा के लिए पूरा भरोसा दिलाना होगा।
शारदीय नवरात्र के समय यद्यपि सभी देवी स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। इसका ध्यान रखते हुए आवश्यक पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए। मीरजापुर में माँ विंध्यवासिनी धाम, सहारनपुर में मां शाकुम्भरी मंदिर, वाराणसी में विशालाक्षी मंदिर और बलरामपुर में माँ पाटेश्वरी धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत बेहतर प्रबंध होने चाहिए। प्रत्येक मंदिर परिसर में साफ-सफाई होनी चाहिए।
पर्व-त्योहार के समय बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। परिवहन निगम को ग्रामीण रूट पर बसों को बढ़ाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित कराएं की पुलिस हो या बस ड्राइवर/कंडक्टर, लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें। डग्गामार, खस्ताहाल बसों का उपयोग नहीं होना चाहिए। नगरीय क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बस सेवा को बढ़ाना होगा।
दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर वितरित किया जाना है। इसके संबंध में समय से सारी औपचारिकताएँ पूरी कर ली जाएं। प्रत्येक दशा में दीपावली से पहले सभी लाभार्थियों के घर रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाना चाहिए।
हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर, पत्थर रखने जैसी सूचनाएं मिली हैं। इसमें रेल यातायात को बाधित करने और रेल दुर्घटना की साजिश की आशंका है। कुछ स्थानों पर ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी देखने को मिली हैं। रेलवे के साथ मिलकर इंटेलिजेंस को बेहतर बनाएं। हमें अपने ग्राम चौकिदारों के तंत्र को और सक्रिय करना होगा।
खुले में मांस की बिक्री अथवा अवैध स्लाटर हाउस का संचालन कहीं भी न हो। इस पर यथोचित कड़ाई की जाए। धार्मिक स्थलों के आस-पास मांस-मदिरा की दुकानें न हों। मदिरा की दुकानें तय अवधि में ही खुलें। अवैध/जहरीली शराब के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रखें।
सभी अस्पतालों में 24×7 चिकित्सकों की उपलब्धता हो। इमरजेंसी में उपयोगी दवाओं की कमी न हो। खान-पान की चीजों में मिलावटखोरी के खिलाफ सघन अभियान जारी रखें।
गरीबों, धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा राशन तथा पौष्टिक आहार पात्र लोगों को जरूर मिले। राशन माफिया जैसे तत्वों को पनपने न दें। यदि कहीं भी ऐसी कोई सूचना मिले तो कठोर कार्रवाई की जाए।
महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित ‘मिशन शक्ति’ का पांचवां चरण अतिशीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है। अभियान के लिए हर विभाग की कार्ययोजना पूर्व से ही तय है, तदनुसार हर विभाग अपनी कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत ग्राम सचिवालय पर महिला बीट अधिकारी, आशा, एएनएम, बीसी सखी, पंचायत सचिव आदि द्वारा महिलाओं को एकत्रित कर उन्हें महिला हित संबंधी योजनाओं की जानकारी दी जानी चाहिए।
नामांतरण, वरासत, पारिवारिक बंटवारे, पैमाइश जैसे आमजन से जुड़े राजस्व वादों के निस्तारण में लेटलतीफी न हो। एक समय सीमा के भीतर इनका निस्तारण किया जाए।