आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सामरिक दूरदर्शिता समूह (एसएफजी) द्वारा मानवता पर जोखिम- वैश्विक आतंक संकेतक (जीटीटीआइ) को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की तुलना में पाकिस्तान मानवता के लिए अधिक खतरनाक है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को आतंक का घर, वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक और पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए सीरिया से तीन गुना अधिक जिम्मेदार माना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे अधिक खतरा पैदा किया है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा आतंकवादी अड्डों और आतंकियों के लिए सुरक्षित देशों की सूची में भी रखा गया है।
रिपोर्ट कहती है, ‘यदि हम तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों को देखते हैं, तो हम पाते हैं कि पाकिस्तान उनमें से अधिकतर आतंकी समूहों का या तो मेजबान है या उनकी सहायता करता है। इसके अलावा, अफगानिस्तान में स्थित समूहों की एक बड़ी संख्या है, जो पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होती है।’
रिपोर्ट से पता चलता है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। इसमें दावा किया गया है कि सभी तरह के प्रतिस्पर्धी उग्रवाद का उदय, सामूहिक विनाश के हथियारों का दुरुपयोग और आर्थिक समस्याएं मानव प्रगति को कमजोर कर सकती हैं। इन सबमें आतंकवाद और उससे जुडी चीजें मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।
रिपोर्ट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया, यमन और कई अन्य देशों से जुड़े वैश्विक आतंकवादी संगठनों के बारे में व्यापक जानकारी दी गई है, जो एक दूसरे के साथ संबंध रखते हैं। इसमें कहा गया हैं कि पाकिस्तान में सबसे अधिक आतंकवादी समूह फाटा, खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, क्वेटा और कलात (बलूचिस्तान) में स्थित हैं।
बता दें, शुक्रवार को अफगानिस्तान के उप रक्षा मंत्री हिलालुद्दीन हेलल ने बीजिंग जियांगशान फोरम में कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान में 21 आतंकवादी संगठनों के 50,000 से अधिक आतंकवादी सक्रिय हैं और इनमें से 70 प्रतिशत पाकिस्तानी हैं।