भारत
स्पिनरों की भरमार के बीच भारत आगामी वर्ल्ड कप जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक है। पिछले संस्करण के बाद से भारत ने सिर्फ़ सात टी20 हारे हैं। हालांकि उन्हें एशिया कप के फ़ाइनल में श्रीलंका के हाथों हार का सामना भी करना पड़ा था। भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों को चुनौती भी दी है लेकिन नॉकआउट स्टेज पर उन्हें निराशा हाथ लगी है। वर्ल्ड कप की तैयारियों के संदर्भ में भारत ने खेल मनोवैज्ञानिक की भी मदद ली है। स्मृति मंधाना और शेफ़ाली वर्मा की सलामी जोड़ी अच्छे फ़ॉर्म में है और पिछले एक साल से दोनों ही खिलाड़ियों ने काफ़ी रन भी बनाए हैं। मंधाना ने स्पिन के ख़िलाफ़ अपने खेल पर काफ़ी मेहनत की है, जिसकी झलक दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में दिखाई भी दी थी और यूएई में यह मेहनत मंधाना के काम भी आएगी।
अहम खिलाड़ी
भारत के टी20 सेटअप में दीप्ति शर्मा के बल्लेबाज़ी क्रम को लेकर भले ही दुविधा हो सकती है लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह भारतीय एकादश का हिस्सा होंगी। खेल के हर चरण में गेंदबाज़ी करने की उनकी क्षमता कप्तान हरमनप्रीत कौर को दबाव की स्थिति में उनके रूप में एक विकल्प प्रदान करती है। वह यूएई में भारतीय टीम के लिए अहम साबित हो सकती हैं। जनवरी 2022 के बाद से तमाम पूर्ण सदस्य देशों और आगामी वर्ल्ड कप का हिस्सा सभी टीमों में दीप्ति से ज़्यादा विकेट (73) किसी अन्य खिलाड़ी ने नहीं लिए हैं। तुलनात्मक तौर पर उनकी बल्लेबाज़ी के आंकड़े उतने प्रभावी भले ना हों लेकिन ऐसी स्थिति में भी महिला टी20 में जनवरी 2022 से लेकर अब तक दीप्ति को छोड़कर किसी अन्य खिलाड़ी ने 45 विकेट और 420 रन नहीं बनाए हैं। इस अवधि में ख़ुद दीप्ति ने 525 रन बनाए हैं। महिला हंड्रेड में भी उन्होंने अपनी ऑलराउंड क्षमता का परिचय दिया था। उन्होंने लंदन स्पिरिट के लिए 132.50 के स्ट्राइक रेट से 212 रन बनाए थे और 6.85 की इकॉनमी से आठ विकेट चटकाए थे।
अनुमानित प्रदर्शन : भारत फ़ाइनल खेल सकता है
ऑस्ट्रेलिया
वह गत विजेता हैं, लगातार तीन बार से यह ट्रॉफ़ी ऑस्ट्रेलिया के नाम ही रही है। 2017 के वनडे वर्ल्ड कप से ही उन्होंने कोई भी वैश्विक टूर्नामेंट नहीं हारा है। हालांकि उन्हें फ़रवरी 2023 में घर पर ही इंग्लैंड के हाथों 1-2 से टी20 श्रृंखला हारनी पड़ी थी। इस बीच में दो बार भारत और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उनकी पूरी टीम एक पारी में सिमट चुकी है जो कि 2020 के वर्ल्ड कप के बाद से ही नहीं हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के पास अभी भी एक असाधारण दल है और उन्हें हराना अन्य टीमों के लिए काफ़ी मुश्किल रहने वाला है। हालांकि वह बल्लेबाज़ी में अपने हालिया प्रदर्शनों की तुलना में अधिक साहसिक हो सकते हैं।
अहम खिलाड़ी
एलिस पेरी ऑस्ट्रेलिया की सबसे अहम कड़ी साबित हो सकती हैं। हालांकि उनके सामने अपने टी20 करियर के दूसरे चरण में बल्ले के साथ प्रदर्शन को और बेहतर करने की चुनौती भी होगी। वह चोट के चलते 2020 का वर्ल्ड कप नहीं खेल पाई थीं। मेग लेनिंग के संन्यास के बाद इस साल टी20 लीग में उन्होंने नंबर तीन और नंबर चार पर अच्छा प्रदर्शन किया है। आगामी वर्ल्ड कप में पिच के धीमा रहने और कम रन बनने का अनुमान है। ऐसे में उनका अनुभव व्यर्थ जाने की भी आशंका है। हालांकि ऐसे अवसर भी आएंगे जब ऑस्ट्रेलिया को पावरप्ले में तेज़ गति से रन बनाने की ज़रूरत पड़ेगी और तब वह अहम योगदान दे सकती हैं।
अनुमानित प्रदर्शन : ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप की प्रबल दावेदार है
न्यूज़ीलैंड
न्यूज़ीलैंड की टीम इस वर्ल्ड कप में लगातार 10 टी20 मैच हारते हुए प्रवेश करेगी। उन्हें हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी। वह एक मुश्किल ग्रुप में हैं, जहां उन्हें टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए काफ़ी मेहनत करनी होगी। सूज़ी बेट्स और सोफ़ी डिवाइन अपना लगातार नौवां टी20 वर्ल्ड कप खेलेंगी। न्यूज़ीलैंड के पास एक अनुभवी दल है लेकिन उन्हें युवा खिलाड़ियों से भी मदद की दरकार होगी। डिवाइन ने हाल ही में नंबर चार पर बल्लेबाज़ी की है और पारी को मध्य चरण में नियंत्रित करने का प्रयास किया है। लेकिन सवाल है कि क्या न्यूज़ीलैंड अपनी एक बेहतरीन बल्लेबाज़ का लाभ उठा पा रही है?
अहम खिलाड़ी
एमेलिया केर से न्यूज़ीलैंड को काफ़ी उम्मीदें होंगी। वह नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने के साथ साथ अपनी लेग स्पिन से यूएई में न्यूज़ीलैंड के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं। हालांकि बल्लेबाज़ी में उनका 110-115 के बीच रहने वाला स्ट्राइक रेट चिंता का विषय ज़रूर है, लेकिन पिछले दो डब्लूपीएल संस्करणों में उन्होंने 130 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। जिससे यह पता चलता है कि वह अपनी पारी को गति देने में सक्षम हैं।
अनुमानित प्रदर्शन : न्यूज़ीलैंड ग्रुप स्टेज से संभवतः आगे नहीं बढ़ पाए
पाकिस्तान
पाकिस्तान इस वर्ल्ड कप में फ़ातिमा सना के रूप में नई कप्तान के साथ प्रवेश करेगा। अगस्त में उन्होंने निदा डार की जगह ली थी। 22 वर्षीय खिलाड़ी के लिए यह बतौर कप्तान पहला आईसीसी टूर्नामेंट होगा, हालांकि वह इससे पहले तीन टी20 वर्ल्ड कप खेल चुकी हैं। इस साल वेस्टइंडीज़, इंग्लैंड और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेली तीनों द्विपक्षीय श्रृंखला में पाकिस्तान को हार झेलनी पड़ी है। पिछले 15 टी20 में पाकिस्तान को सिर्फ़ चार में जीत मिली है। हालांकि दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की टीम दो बार 150 से अधिक का स्कोर खड़ा करने में सफल हुई थी।
अहम खिलाड़ी
मुनीबा अली फ़ॉर्म में हैं। पिछले सात मैचों में उन्होंने छह बार 30 से अधिक का स्कोर खड़ा किया है। वह बड़े शॉट नहीं खेलती हैं लेकिन सलामी बल्लेबाज़ मुनीबा पावरप्ले में आक्रामक बल्लेबाज़ी कर सकती हैं। उन्होंने इस साल 15 मैचों में 113.04 के स्ट्राइक रेट से 364 रन बनाए हैं। पिछले टी20 वर्ल्ड कप में वह शतक लगाने वाली इकलौती बल्लेबाज़ भी थीं।
अनुमानित प्रदर्शन : शायद पाकिस्तान ग्रुप स्टेज से आगे ना जा पाए
श्रीलंका
पिछले एक साल में श्रीलंका सबसे व्यस्त टीमों में से एक रही है और उन्होंने इस साल के बाद के चरण में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। पिछले एक साल में किसी पूर्ण सदस्य देश द्वारा सबसे ज़्यादा 31 मैच श्रीलंका ने ही खेले हैं। उन्हें इस अवधि में सिर्फ़ नौ मैचों में हार का सामना करना पड़ा है और इस दौरान उन्होंने पहली बार टी20 प्रारूप में न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जीत दर्ज की गई। अप्रैल 2023 से लेकर अब तक उनका जीत हार का अनुपात ऑस्ट्रेलिया और भारत से बेहतर है। इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में हुए एशिया कप को भी जीता था।
अहम खिलाड़ी
हर्षिता समराविक्रमा इस समय बेहतरीन लय में हैं। उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका को उनके घर में हराने में अहम योगदान दिया था। निर्णायक मैच में उनके बल्ले से नाबाद 54 रन निकले थे। एशिया कप के फ़ाइनल में भी उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ 51 गेंदों नाबाद 69 रन बनाए थे। उनके गियर बदलने की क्षमता से इस साल श्रीलंका को काफ़ी लाभ पहुंचा है। इस साल समराविक्रमा ने 120.81 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जबकि उनके करियर का स्ट्राइक रेट 99.72 है।
अनुमानित प्रदर्शन : ग्रुप स्टेज से शायद आगे ना जा पाएं लेकिन श्रीलंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता