आज है पितृ पक्ष के छठे श्राद्ध की तिथि, जानें तर्पण का समय और पूजा विधि

 आज पितृ पक्ष की षष्ठी श्राद्ध तिथि है. छठे श्राद्ध का तर्पण समय क्या है और पूजा विधि क्या है जान लें. अगर तर्पण पंचांग में दिए गए समय अनुसार किया जाए उसका पुण्य फल भी मिलता है.

18 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. 2 अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त होगा. पितरों को प्रसन्न करने के लिए जातक उनकी मृत्यु तिथि के अनुसार उसी दिन उनका श्राद्ध कर्म करते हैं. आज छठा श्राद्ध है, षष्ठी श्राद्ध को छठ श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है. यह मान्यता है कि इस दौरान पितर लोक से अपने वंशजों के पास आते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष के दौरान प्रत्येक तिथि का अपना अलग महत्व होता है और छठा श्राद्ध भी इनमें से एक है. पितृ पक्ष के छठे दिन किए गए श्राद्ध से पितरों की तृप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. घर में क्लेश और अशांति रहती है तो आपको नियमपूर्वक अपने पितरों का श्राद्ध कर्म हर साल  करना चाहिए. इससे घर में शांति और सुख का वातावरण बनता है.

छठे श्राद्ध का तर्पण समय

षष्ठी श्राद्ध सोमवार, सितम्बर 23, 2024 को देर रात 03:43 पी एम बजे से प्रारंभ हो चुकी है जो आज दोपहर सितम्बर 23, 2024 को 01:50 पी एम बजे तक रहेगी. शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध के दिन तर्पण कुतुप मूहूर्त, रौहिण मूहूर्त या अपराह्न काल में ही करना चाहिए.

कुतुप मूहूर्त – 11:49 ए एम से 12:37 पी एम

अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स

रौहिण मूहूर्त – 12:37 पी एम से 01:26 पी एम

अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स

अपराह्न काल – 01:26 पी एम से 03:51 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 25 मिनट्स

छठे श्राद्ध की तर्पण विधि

छठे श्राद्ध की विधि अन्य श्राद्धों की विधि के समान ही होती है. इसमें ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है, पिंडदान किया जाता है और तर्पण किया जाता है. इसके अलावा, कुछ लोग अपने कुलदेवता का पूजन भी करते हैं.  छठा श्राद्ध अपने पितरों का श्राद्ध करने वाला कोई भी व्यक्ति कर सकता है. यह जरूरी नहीं है कि केवल पुत्र ही श्राद्ध करें, बेटी भी श्राद्ध कर सकती है. छठा श्राद्ध करने के कई कारण हैं, जैसे: पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना, पितृ दोष से मुक्ति पाना, घर में शांति और सुख लाना, मोक्ष की प्राप्ति. पितृ पक्ष के छठे श्राद्ध का बहुत महत्व है. यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने पूर्वजों का स्मरण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. छठे श्राद्ध करने से पितरों की तृप्ति होती है और हमें आशीर्वाद प्राप्त होता है.

 

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com