उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की अवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही, इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने, जम्मू-कश्मीर को सिर्फ, तशद्युत यानी डर और इंतशार यानी अराजकता ही दी है। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर, इन तीन खानदानों के शिकंजे में रहने वाला नहीं है। अब हमारा यहां का नौजवान इनको चैलेंज कर रहा है। जिन नौजवानों को इन्होंने आगे नहीं बढ़ने दिया। वही नौजवान अब इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। इन तीन खानदानों के राज में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों ने जो तकलीफ सही है वो अक्सर बाहर नहीं आ पाता। आज वादी के 25-30 साल के नौजवान पढ़ाई लिखाई से वंचित रह गए, या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे। ये इसलिए नहीं हुआ कि जम्मू-कश्मीर के हमारे नौजवान फैल हुए, बल्कि इस वजह से हुआ क्योंकि कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए थे।
पीएम मोदी ने कहा कश्मीर में जो दुकान जलाए गए वो आग भी इनके नफरत के बाजार में ही बिकती थी। ये लोग नए स्कूल नहीं बनाते थे और जो स्कूल थे ये लोग आग के हवाले करने वालों को शह देते थे और जो स्कूल बच गए, उसमें कई-कई महीनों तक पढ़ाई नहीं हो पाती थी। हमारे नौजवान स्कूल, कॉलेज से दूर थे। ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमाकर खुश रहते थे। इन लोगों ने अपने फायदे के लिए हमारे बच्चों का भविष्य को बर्बाद किया।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी एक और पीढ़ी को मैं इन 3 खानदानों के हाथों तबाह नहीं होने दूंगा। इसलिए यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं। आज देखिए, पूरे जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं। बच्चों के हाथ में कलम है, किताबें हैं, लैपटॉप है। आज स्कूलों में आग लगने की खबरें नहीं आती, बल्कि आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी बनने की खबरें आ रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सब का मकसद जम्मू-कश्मीर की तेज़ तरक्की है, जम्मू-कश्मीर की तेज तरक्की का जज्बा और बुलंद करने के पैगाम के साथ आज मैं आपके बीच आया हूं। मैं देख रहा हूं कि आज मेरे कश्मीर के भाई-बहन खुशामदीद पीएम कह रहे हैं। मैं तहेदिल से उनका शुक्रिया अदा करता हूं। जम्मू-कश्मीर में इस वक्त जम्हूरियत का त्यौहार चल रहा है। कल ही यहां 7 जिलों में पहले दौर की वोटिंग खत्म हुई है। पहली बार दहशतगर्दी के साए के बिना मतदान हुआ। हम सभी के लिए खुशी और गर्व की बात है कि इतनी बड़ी तादाद में लोग वोटिंग के लिए अपने घरों से बाहर निकले।
पीएम मोदी ने कहा कि यहां के तीन खानदानों ने रियत और कश्मीरियत दोनों को रौंदा है, ये अपने खानदान के अलावा किसी और को आगे आने ही नहीं देना चाहते। इन्होंने डीडीसी, बीडीसी और पंचायत के चुनाव को क्यों रोका। इनको लगता था कि इससे नए लोग सियासत में उभरेंगे। ऐसे लोग जो इनके खानदानी निजाम को चैलेंज करेंगे। इनकी इस खुदगर्जी का नतीजा ये हुआ कि यहां के नौजवानों का जम्हूरियत से भरोसा कम होता चला गया। उनको लगता था कि वो वोट डालें या न डालें, आना तो इन्हीं तीन खानदानों को है। पहले के उन हालातों से अलग अब कितना कुछ बदल गया है। आज देर रात तक कैंपेन हो रही है, आज लोग जम्हूरियत को सेलिब्रेट कर रहे हैं। यहां के युवा में भरोसा पैदा हुआ है कि उनका वोट ही सही बदलाव ला सकता है।
उन्होंने कहा कि एक दौर था, जब लाल चौक पर आना, यहां तिरंगा फहराना, जान जोखिम में डालने वाला काम था। बरसों तक यहां लोग लाल चौक में आने से डरते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। श्रीनगर के बाजारों में अब ईद और दीपावली दोनों की रौनक देखने को मिलती है, अब लाल चौक बाजार में देर शाम तक चहल-पहल रहती है, यहां देश-दुनिया से टूरिस्ट आ रहे हैं।