न्यूयॉर्क (शाश्वत तिवारी)। संयुक्त राष्ट्र में भारत के नवनियुक्त स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को मजबूत करने पर आयोजित खुली बहस में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने यूएन शांति स्थापना में भारत के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हरीश ने अपने संबोधन में कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सबसे बड़ा संचयी (कम्युलेटिव) सैन्य योगदानकर्ता है और इसने 50 से अधिक मिशनों में 250,000 से अधिक सैनिकों का योगदान दिया है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से भारतीय राजदूत के हवाले से लिखा 182 भारतीय शांति सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के उद्देश्य को कायम रखते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को अनूठी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शांति सैनिकों की सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाया जाना चाहिए।
भारतीय राजदूत ने कहा सर्वोच्च बलिदान देने वाले 4000 से अधिक शांति सैनिकों के लिए एक स्मारक दीवार स्थापित करने की आवश्यकता है। सुरक्षा परिषद को आज की वास्तविकताओं का अधिक प्रतिनिधि होना चाहिए और परिषद में अफ्रीका का अधिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के नवनियुक्त स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया। हरीश पिछले हफ्ते ही न्यूयॉर्क पहुंचे थे और विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का पदभार संभाला था। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कई शीर्ष नेताओं तथा अपने वैश्विक समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की।