मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में लार्जकैप के साथ स्मॉलकैप में भी तेजी देखने को मिली है। इस दौरान बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 18 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। समीक्षा अवधि में बीएसई आईटी और बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स ने 22-22 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बीएसई कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ने 17 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। हालांकि, बीएसई मेटल इंडेक्स और बीएसई रियल्टी इंडेक्स में क्रमश: तीन और एक प्रतिशत की गिरावट हुई है।
समीक्षा अवधि में रेफेक्स इंडस्ट्रीज, पीसी ज्वेलर्स, बालू फोर्ज इंडस्ट्रीज, ग्राविटा इंडिया, पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट, गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया और न्यूलैंड लेबोरेटरीज ने 100 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
कुछ दिनों पहले वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वे लंबी अवधि के लिए भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश हैं। इसकी वजह जीडीपी में तेज वृद्धि दर का होना है, जिसके कारण कॉरपोरेट आय में भी इजाफा हो रहा है। छोटी अवधि में घरेलू निवेशकों की ओर से किया जाने वाला निवेश भी जारी रहने की उम्मीद है। वहीं, विदेशी निवेशकों की भी वापसी हो सकती है।
भारतीय शेयर बाजार में तेजी की वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है। भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। इसके वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस साल की शुरुआत से अब तक निफ्टी करीब 17 प्रतिशत और सेंसेक्स करीब 16 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है।