वंदे भारत ट्रेन फरवरी, 2019 को शुरू की गई। वंदे भारत ट्रेन का नेटवर्क देश के 280 जिलों और 24 राज्यों में फैला हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों ने पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने जितनी यात्रा की थी।
दक्षिण सेंट्रल रेलवे के मुख्य पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ए श्रीधर ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों के नेटवर्क में लगातार विस्तार किया जा रहा है और नई ट्रेनों को जोड़ा जा रहा है। भारत में मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित हुई वंदे भारत एक्सप्रेस लग्जरी अनुभव के साथ लाखों लोगों को किफायती सफर उपलब्ध कराती है।
तेज रफ्तार के साथ एडवांस सेफ्टी फीचर और विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ रेलवे ने यात्रा के लिए नए बेंचमार्क तय किए हैं। रेलवे अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि यह सेमी-स्पीड ट्रेन, भारत के आधुनिक और वर्ल्ड क्लास ट्रेन के परिदृश्य को दिखाता है।
देश में पहली वंदे भारत ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच शुरू किया गया। देश में फिलहाल वंदे भारत केवल चेयरकार श्रेणी में ही चल रही है। इस महीने की शुरुआत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईएएनएस को बताया था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल अगले डेढ़ से दो महीने में शुरू हो जाएगा। यह ट्रेन सर्विस में तीन महीने के बाद आ जाएगी।
उन्होंने बताया, वंदे भारत स्लीपर, वंदे चेयर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत। यह चार ट्रेन आने वाले समय में हमारे देशवासियों को एक अच्छी सर्विस देंगी। ट्रेनों में अनुभव के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बर्थ को सुरक्षित करने के लिए जंजीर को हटाकर नया मैकेनिज्म लाया गया है। शौचालय की सुविधा को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है। ड्राइवर की केबिन पर ध्यान दिया गया है।