हर चीज का आदर्श विदेशों में ढूंढने वाले लोग, हमेशा विदेश से ही प्रेरणा लेने वाले लोग आज विदेश में ही जाकर भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार कर रहे हैं, यह दुखद, निंदनीय और भर्त्सना योग्य है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो बात अंकल सैम ने कही है, वो उससे सहमत हैं। जो उनको संज्ञा दी जाती थी अब वह वो नहीं है। अब राहुल गांधी बचकानी हरकतें नहीं कर रहे हैं बल्कि अब वो खतरनाक और शैतानी हरकतें कर रहे हैं। अब वो हर उस ताकत के साथ हैं, जो भारत को कमजोर देखना चाहती है, जो भारत को झुका हुआ देखना चाहती है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत गर्व से, विकास और सांस्कृतिक स्वाभिमान के साथ ऊपर उठ रहा है दूसरी तरफ वह लोग हैं जो विदेश में जाकर भारत को अपमानित कर रहे हैं। भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से राहुल गांधी की मुलाकात की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बहुत गंभीर और पूरे देश के लिए विचारणीय है।
राहुल गांधी भारत के इतिहास के पहले ऐसे विपक्ष के नेता बन गए हैं, जिन्होंने किसी घोषित भारत विरोधी अमेरिकी सांसद के साथ मुलाकात करके अपने मधुर मनोभावों की अभिव्यक्ति की है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या राहुल गांधी ने कभी भारत समर्थक किसी अमेरिकी सांसद से मुलाकात की है। अमेरिकी सांसद इल्हान उमर भारत विरोध के लिए विख्यात और कुख्यात हैं। ये उन कुछ चुनिंदा अमेरिकी सांसदों में एक थीं, जिन्हें पाकिस्तान सरकार की तरफ से पीओके में विजिट करवाया गया था।
आज राहुल गांधी के भारत विरोधी मित्रों की श्रृंखला में एक और उपलब्धि उस समय शामिल हो गई, जब पन्नू ने उनकी तारीफ की। पाकिस्तान से लेकर पन्नू और इल्हान उमर तक राहुल गांधी की तारीफों में जो पुल गढ़े जा रहे हैं, उसमें एक और नया नाम मुस्फिकुल फजल का जुड़ गया है। ये वो पत्रकार हैं, जिन्होंने अमेरिका में व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सवाल पूछा था।
उन्होंने 11 सितंबर के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि आज के ही दिन 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की धर्म संसद में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था। उस समय 29 साल के उस युवा (स्वामी विवेकानंद) सन्यासी ने भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई थी और एक 54 साल का युवा आज वहां जाकर भारत को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन अमेरिका पर 9/11 का आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद अमेरिका के सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर लादेन को खत्म करने का संकल्प लिया। किसी ने भी सरकार की आलोचना नहीं की। मुख्य अपराधी के पक्ष में किसी ने भी कोई सहानुभूति नहीं दिखाई, जॉर्ज बुश ने लादेन को मारने की बात कही और बराक ओबामा ने उसे पूरा किया। जबकि इसके विपरीत भारत में आतंकवाद पर भी राजनीति होती है।
भारत में सालों तक अफजल गुरु की फांसी रुकी रही। जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले कांग्रेस के मुख्य सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस कहता है कि अफजल गुरु की फांसी गलत थी। अफजल की पहली बसरी पर जब जेएनयू में नारे लग रहे थे कि अफजल हम शर्मिंदा हैं, तब ये लोग (कांग्रेसी) उसका नैतिक समर्थन कर रहे थे। उनके लिए अच्छा और सच्चा मुसलमान मायने नहीं रखता है बल्कि अपराधी और आतंकी ही मायने रखता है।
आरक्षण को लेकर राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह उनकी खानदानी विरासत है। जब उनका मजबूत वाला वोट बैंक पक्का हो जाएगा तब आरक्षण खत्म कर देंगे। जैसे जम्मू-कश्मीर और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुआ था। उन्होंने बांग्लादेश के हालात को लेकर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कट्टरपंथियों का साथ देने वाले इंडी गठबंधन के राजनीतिक दलों को बांग्लादेश के हालात से सबक सीखना चाहिए।
वहीं हिमाचल प्रदेश के शिमला में बने हालात को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश सरकार को अवैध निर्माण पर उंगली उठाने में भी डर लग रहा है। कांग्रेस ने पर्यटन के लिए मशहूर शिमला की क्या हालत कर दी है? हिमाचल प्रदेश को कहां से कहां पहुंचा दिया है?