मूलाधार चक्र जगाने का क्या महत्व है, जानें इसे जागृत करने का सही तरीका

अगर आप जीवन में तरक्की चाहते हैं या आप अपना तनाव कम करना चाहते हैं तो आपको अपने मूलाधार चक्र को जागृत करना चाहिए. इसका सही तरीका क्या है और इससे आपको क्या फायदा होगा आइए जानते हैं.

मूलाधार चक्र, जिसे मूल चक्र भी कहा जाता है, हमारे शरीर का सबसे निचला चक्र है. यह चक्र हमारे अस्तित्व की नींव है और यह हमारे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. मूलाधार चक्र को जगाने का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. इससे व्यक्ति में जीवन शक्ति बढ़ती है. वह अधिक ऊर्जावान और सक्रिय महसूस करता है. अगर कोई भी व्यक्ति अपने मूलचक्र को जागृत करता है को उसमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक दृढ़ निश्चयी हो जाता है. भौतिक सुरक्षा और स्थिरता मिलती है, हमें जमीन से जोड़ता है और हमें स्थिरता प्रदान करता है. इसे जगाने से पाचन, रक्त परिसंचरण और प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होते हैं और साथ ही भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.
मूलाधार चक्र को जगाने के तरीके

योगासन जैसे वृक्षासन, तड़ासन, और भुजंगासन मूलाधार चक्र को सक्रिय करने में मदद करते हैं. ध्यान करने से मन शांत होता है और मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाता है. प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम मूलाधार चक्र को सक्रिय करने में मदद करते हैं. ‘लं’ बीज मंत्र मूलाधार चक्र का बीज मंत्र है. इसका जाप करने से यह चक्र सक्रिय होता है. लाल रंग मूलाधार चक्र से जुड़ा है. लाल रंग के कपड़े पहनने या लाल रंग के वातावरण में रहने से यह चक्र सक्रिय हो सकता है. रूबी, गार्नेट और ब्लैक टूमलाइन जैसे क्रिस्टल मूलाधार चक्र को सक्रिय करने में मदद करते हैं.

मूलाधार चक्र को जगाने के लिए धैर्य रखना जरूरी है. किसी योग शिक्षक या आध्यात्मिक गुरु से मार्गदर्शन लेना फायदेमंद हो सकता है. मूलाधार चक्र जगाना हमारे समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह हमें शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है.

 

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