राजद नेता ने यहां कहा, “मैं जहां तक समझ पाता हूं कि आधार कार्ड राष्ट्रीय स्तर पर बनता है। इसके लिए देश के अंदर एक ही नीति है। एक देश, एक कानून की बात भी होती है। तो ऐसी स्थिति में आधार कार्ड के लिए बिहार में अलग मापदंड, असम में अलग मापदंड, पश्चिम बंगाल में अलग मापदंड हो, यह समझ में नहीं आता है। एनआरसी जैसे गंभीर मुद्दे पर विभिन्न दलों की अलग-अलग राय है। तो ऐसे सवाल पर आपस में सहमति का रास्ता भी तो निकालना चाहिए। यह महत्वपूर्ण विषय है। अब मैं नहीं जानता कि आधार कार्ड बनाने के लिए एनआरसी नंबर का क्या मतलब है।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा था कि कुछ जिलों में आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को एनआरसी नंबर देने होंगे।
असम में अवैध घुसपैठ का मामला काफी पहले से चिंता का विषय रहा है। हाल ही में पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बीच घुसपैठियों की संख्या बढ़ गई है। इस पर प्रदेश सरकार लगातार नजर बनाए हुए है।
सरमा ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, असम के कुछ विशेष जिलों में जनसंख्या से अधिक लोगों ने आधार कार्ड का आवेदन किया है। इसलिए हम उन्हीं को आधार कार्ड जारी करेंगे, जिनके पास एनआरसी नंबर हो, ताकि घुसपैठियों को नागरिकता न मिले।
असम सरकार के अनुसार, इस साल जनवरी से अब तक 54 घुसपैठिये पकड़े गए हैं। इनमें करीमगंज जिले में 48, बोंगईगांव जिले में चार, और हाफलोंग जीआरपी तथा धुबरी जिलों में एक-एक घुसपैठिया पकड़ा गया है। पकड़े गए लोगों में से 45 को उनके देश वापस भेज दिया गया, जबकि नौ को करीमगंज में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, ऊपरी असम और उत्तरी असम के जिलों में संदिग्ध गैर-भारतीय नागरिकों और विदेशी मूल के व्यक्तियों की उपस्थिति की खबरें भी सरकार को मिल रही हैं।