पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
वीडियो में लोग एक दूसरे से बातें कर रहे हैं. ताक झांक कर रहे हैं, मोबाइल फोन चला रहे हैं और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि लोगों की इस भीड़ में पुलिस वाले भी मौजूद हैं. यानी खुद पुलिस वालों की आंखों के सामने लोग सीन ऑफ क्राइम पर मजमा लगाकर खड़े हैं. लेकिन पुलिस उन्हें रोकने टोकने की कोशिश नहीं कर रही है. कोलकाता पुलिस ने उस वीडियो को 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार रूम का तो माना है, लेकिन पुलिस का कहना है कि तब उसने लाश के इर्दगिर्द वाली जगह को कोडन ऑफ कर दिया था. यानी घेर दिया था और यह लोग उस घेरे बंदी वाली जगह के बाहर खड़े हैं. लेकिन कोलकाता पुलिस की सफाई से ही यह साफ है कि इतने सारे लोग उस सेमिनार हॉल के अंदर तब घुस आए हैं. जब हॉल में लाश पड़ी है और क्राइम सीन को सुरक्षित करना पहली और सबसे बड़ी जरूरत है.
पुलिस को नहीं बन रहा जवाब
सवाल यह उठता है कि आखिर इतने सारे लोग क्राइम सीन पर क्या कर रहे हैं. अजीब बात तो यह है कि इस भीड़ में अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के साथ-साथ कई बाहर के लोग भी हैं, जबकि खुद पुलिस ही पहले बता चुकी है कि सीन ऑफ क्राइम को पहले ही ढेर सारे लोगों की मौजूदगी के चलते खराब किया जा चुका है. अब सवाल यह उठता है कि जो पुलिस क्राइम सीन को खराब करने की बात कह रही थी उस पुलिस की मौजूदगी में ही यहां क्राइम सीन पर लोगों की भीड़ लगी नजर आ रही है. जाहिर है कि क्राइम सीन की इस हालत पर अब कोलकाता पुलिस को जवाब देते नहीं बन रहा. हालांकि कई सवाल उठ रहे हैं कि तब तक जब जांच की शुरुआत भी नहीं हुई थी तो पुलिस ने एक कैसे समझ लिया कि जहां लाश पड़ी है वहीं कत्ल हुआ है. ऐसा भी तो हो सकता था कि कत्ल कहीं और हुआ हो या फिर सेमिनार हॉल के ही किसी दूसरे हिस्से में हुआ और लाश को खींचकर दूसरे कोने पर लाकर फेंक दिया गया हो.