मनोज झा ने अमित शाह से सवाल करते हुए पूछा, “कौन सा उचित समय? क्या देश के गृह मंत्री को ये भाषा बोलनी चाहिए ? देश में बड़ी से बड़ी विपदाएं आईं, लेकिन कभी भी जनगणना रोकी नहीं गई। 2021 में इसे होना था, लेकिन आज तक नहीं हुई। झा ने कहा कि आखिर जनगणना क्यों नहीं कराई जा रही।”
उन्होंने कहा, “अब तो आप इनकार भी नहीं कर सकते हैं। जातिगत जनगणना देश के हर नागरिक की मांग है। आपके जनगणना के कॉलम में जाति का मुद्दा भी उजागर होगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी लगातार बोल रहे हैं और देश के अन्य विपक्षी दलों के नेता भी इस मांग को उठा रहे हैं। इस सरकार को एक बात नोट कर लेनी चाहिए, जब कोई आइडिया परिपक्व हो जाता है, तो वह अपना हक हासिल कर ही लेता है और जातिगत जनगणना वही मसला है, इस सरकार को ये कराना ही होगा।”
मनोज झा ने यूपीएस का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तो इसे पढ़ना बाकी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम की डिमांड थी। हमें देखना है कि ओपीएस से यूपीएस कितना अलग है या कितना समान है। इसलिए कई सारे महत्वपूर्ण प्रश्नों का जवाब अभी ढूंढना है।