लखनऊ, 24 अगस्त: पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश और नेपाल से छोड़े गये पानी ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तबाही मचायी। इस तबाही ने लोगों के सर से छत छीन ली, उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया, उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और अपनी जान बचाने के लिए बाढ़ शरणालय का रुख करना पड़ा। इन परिस्थितियों में प्रभावित लाेगों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकट मोचक बनकर सामने आये। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों का दुख बांटते हुए उन्हें समुचित मुआवजा दिया, उनके रहने और खाने की उचित व्यवस्था कराई तो प्रभावितों को अपना आशियाना दोबारा बसाने के लिए जमीन के साथ मकान बनाने के लिए सहायता राशि प्रदान की। आपदा के दौरान अपनों को गंवाने वाले परिजनों को सहायता धनराशि देने के साथ उनका दुख साझा किया। सीएम योगी के हाथों से मिली इस राहत से लाभार्थियों को फिर से जीवन जीने की नयी राह मिली। उन्होंने सीएम योगी का आभार जताते हुए उन्हें प्रदेश का ही नहीं, बल्कि अपने घर का मुखिया भी बताया। लाभार्थियों ने बाढ़ के कारण हुए नुकसान और फिर योगी सरकार द्वारा दी गयी राहत को खुद बयां किया।
पहले की सरकारों में सिर्फ भरवाए जाते थे आवेदन फॉर्म, योगी सरकार में मिल रहा योजना का वास्तविक लाभ
बाढ़ की वजह से मेरे खेत में मोटी सिल्ट जमा हो गयी थी। इसको लेकर मैं काफी परेशान था क्योंकि बाढ़ का पानी सिल्ट के साथ कचरा और अन्य अपशिष्ट पदार्थ भी लेकर आया था। इस पर मुझे जानकारी मिली कि योगी सरकार खेत से सिल्ट हटाने के लिए भी सहायता धनराशि दे रही है। मैंने इसके लिए आवेदन किया और सर्वे के बाद अगले 24 घंटे में मेरे अकाउंट में सिल्ट हटाने के लिए योगी सरकार की ओर से 16,362 रुपये भेज दिये गये। मुझे इस मद में पहली बार सहायता धनराशि दी गयी है। इसके लिए मैं योगी सरकार का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं। सिर्फ बाढ़ के दौरान ही नहीं प्रदेश में जब से योगी सरकार बनी है, मुझे हर योजना का लाभ दिया जा रहा है जबकि पहले की सरकारों में सिर्फ आवेदन फॉर्म ही भरवाए जाते थे।
राजेश कुमार, दीनापुरवा गांव, लखीमपुर खीरी
हम गरीबों के मसीहा हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
बाढ़ की वजह से मेरा खेत पानी से लबालब हो गया था। इससे फसल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। मैंने इसकी जानकारी राजस्व विभाग को दी। इस पर कुछ ही देर में राजस्व की टीम खेत पर पहुंची और सर्वे शुरू किया। सर्वे पूरा होने के बाद टीम वापस लौट गयी। मुझसे अधिकारियों ने बोला कि दो से तीन दिन में क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा अकाउंट में आ जाएगा। हैरानी की बात यह है कि अगले दिन ही मेरे खाते में क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा आ गया। यह देख मैं आश्चर्यचकित हो गया। इस दौरान स्थानीय लेखपाल ने फोन कर मुआवजा खाते में भेजे जाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हम गरीबों के लिए मसीहा हैं। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। वह हमारे मुखिया है, जो हमारी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
सुकुमार, सीतापुर
जब हम गरीबों का खुद ख्याल रख रहे सीएम योगी तो चिंता की क्या बात है
बाढ़ की चपेट में आने से मेरा घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। मुझे लगा कि मेरा सबकुछ लुट गया है, लेकिन योगी सरकार ने अगले 24 घंटे में क्षतिग्रस्त मकान को बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता धनराशि खाते में भेजी। इसे देख मेरी खुशी का ठिकाना न रहा। इतना ही नहीं कटान के चलते योगी सरकार ने मुझे दूसरी जगह घर बनाने के लिए जमीन भी दी। वहीं कुछ दिन बाद खुद मुख्यमंत्री हमारा दुख बांटने हमारे गांव आएं। साथ ही उन्होंने हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से सरकारी योजनाओं से जुड़ी अन्य सुविधाओं का भी लाभ दिया गया। धन्य है प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जो हम गरीबों का इतना ख्याल रखते हैं। ऐसे में जब वह हमारे बारे में इतना सोचते हैं तो हमें किस बात की चिंता।
सोहन लाल, पीलीभीत
पिछली सरकारों में मदद तो दूर कोई हालचाल तक नहीं लेता था
बाढ़ के पानी की वजह से मेरी गृहस्थी बर्बाद हो गई थी। वहीं मेरे पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था। इस पर जिला प्रशासन ने बाढ़ शरणालय में मेरे रहने और खाने की उचित व्यवस्था की। इस दौरान मुझे कभी लगा ही नहीं कि मैं अपने घर पर नहीं हूं। बाढ़ शरणालय में रहने वाले हर एक बाढ़ प्रभावित का विशेष ख्याल रखा जा रहा था। इतना ही नहीं बच्चों को दूध के साथ उनकी दवा और हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा था। वहीं रेस्क्यू टीम पूरी निष्ठा के साथ बाढ़ प्रभावितों की मदद में लगी रही। यह सब सीएम योगी की दूरदर्शी सोच से ही हो पाया है। वरना पिछली सरकारों में मदद तो दूर कोई हालचाल लेने भी नहीं आता था।
सज्जन लाल, रतनगंज, हरदोई
बाढ़ प्रभावितों की मदद को मुस्तैद योगी सरकार के मुख्य राहत कार्य एक नजर में
- 8 9,53,118 लोगों को अब तक राहत सहायता पहुंचायी गयी।
- 2,53,500 लोगों को अब तक खाद्यान्न पैकेट वितरित किये गये।
- जान गंवाने वाले 17 लोगों के परिजनों को दी गयी 4-4 लाख की सहायता राशि। *- 2638 लोगों को क्षतिग्रस्त मकान का मुआवजा दिया गया। वहीं कुछ लोगों को जमीन भी उपलब्ध करायी गयी।
- 2796 मेडिकल टीम द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। साथ ही दवा वितरित की जा रही है।
- 1 लाख 50 हजार से अधिक किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों को मुआवजा दिया गया।