1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के आरक्षण में उप-वर्गीकरण पर फैसला सुनाया था. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ देशभर में दलित-आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस बंद का असर पूरे देश में देखा जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान में बंद का अब तक बंद का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. इस बंद को बीएसपी, आरेजडी, सपा, झामुमो जैसी पार्टियां पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्यों को संवैधानिक रूप से अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अंदर सब क्लासिफिकेशन की जरूरत है. इससे उन जातियों को लाभ होगा, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं. कोर्ट के इस फैसले को बाद दलित-आदिवासी संगठनों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. इसी को लेकर आज भारत बंद किया गया है.
यूपी में भारत बंद का असर-
1. बीएसपी और आजाद समाज पार्टी ने शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद को अपना समर्थन देने की अपील की है.
2. यूपी में स्कूल, कॉलेज और दूसरे प्रतिष्ठानों को बंद रखने के लिए किसी प्रकार की कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिए गए हैं.
3. वहीं, राज्य में आपातकालीन सेवाएं, यातायात सब चालू है. इसे लेकर किसी प्रकार का अलर्ट जारी नहीं किया गया है.
4. पश्चिमी यूपी में बंद का असर देखा जा रहा है और इसे लेकर पुलिस सतर्क नजर आ रही है. वहीं, प्रदेश में कई जगह बाजार भी बंद हो सकते हैं.
‘ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार’ के फैसले को बदला
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 7 जजों के बैंच ने 140 पेज के इस सुनवाई में कहा कि प्रत्येक राज्य अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने ‘ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार’मामले के 2004 के फैसले को भी बदल दिया. उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि एससी को किसी सब-कैटेगराइजेशन में रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि वे अपने आप में ही स्वजातीय समूह हैं.