लखनऊ, 20 अगस्त। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में मिशन मोड में जुटी योगी सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स में 101 प्रतिशत जीएसवीए हासिल किया है। खासकर कृषि, खनन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट और रियल इस्टेट सेक्टर में यूपी में मजबूती दिखाई देने लगी है। इसमें भी ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज एवं कम्युनिकेशन सेक्टर में टार्गेट से 129 प्रतिशित अधिक का लक्ष्य हासिल किया गया है। भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। इन आंकड़ों ने योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के संकल्प को मजबूती दी है।
योगी सरकार में प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न सेक्टर्र को लेकर बनाई जा रही रणनीतियों का असर दिखने लगा है। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में कई सेक्टर्स में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। इनमें कृषि और उससे संबंधित सेक्टर में 5.85 लाख करोड़ रुपए के टार्गेट के सापेक्ष 5.98 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई, जोकि 102 प्रतिशत रही। वहीं खनन और उत्खनन सेक्टर में 0.26 लाख करोड़ रुपए के सापेक्ष 0.30 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई, जोकि 115 प्रतिशत रही। इसी प्रकार कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 2.48 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के सापेक्ष 2.79 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई, जोकि 112 प्रतिशत रही। ऐसे ही ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज एवं कम्युनिकेशन सेक्टर में 1.53 लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 1.98 लाख करोड़ रुपए के साथ इसमें सर्वाधिक 129 प्रतिशत की ग्रोथ दिखी।
बात करें रियल स्टेट और मकान खरीदने से संबंधित सेक्टर की तो यहां भी लक्ष्य के सापेक्ष 102 प्रतिशत अचीव किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रियल स्टेट सेक्टर के लिए 3.23 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इस सेक्टर ने 3.29 लाख करोड़ का व्यापार किया। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, ऊर्जा, ट्रेड, रिपेयरिंग, होटल एवं रेस्टुरेंट, फाइनेंशियल सेवा, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेश, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य सेक्टर में भी सरकार के प्रयासों का असर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को लेकर हुए तमाम प्रयासों का असर अब उद्योग-व्यापार की सुदृढ़ता में दिखाई देने लगा है। सबसे अधिक फायदा उद्योग-व्यापार के सेकेंड्री सेक्ट्रर में देखने को मिल रहा है, जिसमें 104 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं प्राइमरी सेक्टर भी लक्ष्य के सापेक्ष 103 प्रतिशत बढ़ा है। इसी प्रकार टरशियरी सेक्टर भी करीब 11 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
गौरतलब है कि सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीवीए) एक आर्थिक उत्पादकता मीट्रिक है जो किसी राज्य की अर्थव्यवस्था और उत्पादक क्षेत्र में उसके योगदान को मापता है। इसमें विभन्न सेक्टर में निजी खपत, सकल निवेश, सरकारी निवेश, सरकारी व्यय, कुल निर्यात, कुल आयात, उत्पादों पर कुल कर और उत्पादों पर कुल सब्सिडी को मापा जाता है।