कुशीनगर, 4 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिले में नारायणी और गंडक नदी के बाढ़ से बचाव के लिए बीते सात साल में बड़े स्तर पर प्रयास किये गये हैं। करीब 600 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च करते हुए बाढ़ से बचाव के विभिन्न प्रबंध करने का ही परिणाम है कि 83 गांव की 1,16,000 की आबादी और 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सुरक्षित हुई है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए सर्वे का काम जल्द से जल्द शुरू करें। उन्होंने कहा कि नारायणी के उस पार करीब 20 हजार की आबादी को इस पुल से बहुत फायदा मिलेगा, ऐसे में बाढ़ का पानी उतरते ही नदी पर कहां पुल बनाया जाना है, इसका सर्वे कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि आपदा में सरकार 24 घंटे अपने नागरिकों की सहायता और सुरक्षा के लिए खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्राम सभा तुर्कहा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले भैंसहां-छितौनी तटबंध का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और विद्यार्थियों में टैबलेट वितरित किया। साथ ही बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराया। साथ ही टॉफी देकर उनको दुलार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 7 साल में समय पर बाढ़ से बचाव के उपाय करने का परिणाम है कि बड़े पैमाने पर जनधन की हानि को रोकने में मदद मिली है। अकेले कुशीनगर में करीब 3 लाख की आबादी को बाढ़ से बचाने में भी मदद मिली। इसी का परिणाम हे कि न केवल हम यहां सुरक्षित और निश्चिंत हैं, बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बाढ़ से बचाव को लेकर कार्य हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशीनगर हिमालय की तलहटी में होने के कारण यहां नदी का करंट यहां बहुत तेज होता है, फिर भी यहां काफी राहत है। सात साल पहले छितौनी तटबंध पर जो लोग काम करते थे उनकी निर्मम हत्या होती थी। इस क्षेत्र में माफिया हावी थे, सूर्य अस्त के बाद लोग आना जाना बंद कर देते थे। आज आतंक, अराजकता और गुंडागर्दी का अंत हो गया है।
सीएम योगी ने कहा कि महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में पूरी दुनिया इसे शांति की भूमि के रूप में देखती है। इसे दुनिया की आस्था का केंद्र बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कभी यहां के बच्चे इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित होते थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। कुशीनगर में आज मेडिकल कॉलेज बन रहा है। कृषि की आधुनिक तकनीक यहां के लोगों को मिल सके, इसके लिए नया कृषि विश्वविद्यालय कुशीनगर को उपलब्ध कराया गया है। यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण भी कर दिया गया है। कुशीनगर की सड़कों पहले ऐसी थीं कि पता ही नहीं लगता था कि सड़क है या गड्ढा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते सात से नौ जुलाई के बीच जब नेपाल में भारी बारिश हुई थी, तब गंडक और नारायणी में लगभग साढ़े 4 लाख क्यूसेक वाटर छोड़ा गया था। सामान्यत: यह 12 से 20 हजार क्यूसेक ही रहता है, इसके बावजूद यहां के तटबंध डटे रहे। ये बताता है कि काम सही हुआ है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने उसपार के गांवों के बारे में चिंता व्यक्त की है। बताया गया है कि नारायणी नदी पर पक्का पुल बनना चाहिए। यहां 15-20 हजार की आबादी रहती है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को निर्देशित करते हुए कहा कि पीएम गति-शक्ति के माध्यम से पुल का सही लोकेशन देखा जाए, जिससे लोगों को फायदा हो। बरसात समाप्त होने के बाद सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाए। सीएम योगी ने कहा कि छितौनी-भैंसहां तटबंध के पिच के कार्य को भी तेज गति से आगे बढ़ाया जाए, जिससे आवागमन में आराम हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपके सुख में आपके साथ सुखी होना चाहती है, मगर आपको कभी दु:ख न उठाना पड़े, सरकार इसके लिए समय से उपाय करती है, फिर भी आपदा आती है तो सरकार आपकी मदद के लिए प्रभावी कदम उठाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मुसहर जाति की बड़ी आबादी रहती है। हमने इन्हें जमीन का पट्टा, आवास, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड दिया। इसके अलावा वृद्धा पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेशन देने का कार्य हुआ है। आपको कोई परेशानी न हो, आपकी हर समस्या के समधान के लिए ये सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है। बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार 24 घंटे खड़ी है।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद विजय कुमार दुबे, विधायकगण विवेकानंद पांडेय, विनय गौड़, मनीष जायसवाल, मोहन वर्मा, सुरेन्द्र कुशवाहा, असीम राय, जिला पंचायत अध्यक्ष सावित्री जायसवाल, बिजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय, राजेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।